भाजपा का 38 वां स्थापना दिवस और आडवाणी की गंगा किनारे शांति की तलाश.

ऋषिकेश,
आज जंहा  भाजपा अपना 38 वां स्थापना दिवस मना रही थी तो इस जश्न से दूर कभी भाजपा के दिग्गज रहे पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ऋषिकेश में अपने परिवार के साथ गंगा के  किनारे शांति की तलाश कर रहे थे। आडवाणी अपनी पत्नी की दूसरी पुण्य तिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए ऋषिकेश परमार्थ निकेतन आश्रम पंहुचे।  उनके साथ पुत्री प्रतिभा आडवाणी,  बहु गीतिका और पुत्र जयंत आडवाणी भी साथ थे। परमार्थ आश्रम पंहुचकर आडवाणी ने आश्रम के योगा विलेज में अपनी पत्नी की याद में बनाये गए रुद्राक्ष ध्यान वाटिका में पिछले साल लगाए  गए रुद्राक्ष के पौधे को जल से सिंचित भी किया। आडवाणी ने पिछले साल अपनी धर्मपत्नी कमला आडवाणी की याद में आश्रम में रुद्राक्ष का पेड़ लगाया था। जिस स्थान पर यह पेड़ लगाया गया था उसे आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने रुद्राक्ष ध्यान वाटिका का नाम दिया था और विश्व्हितार्थ ध्यान के लिए समर्पित किया था। आडवाणी यंहा पंहुचकर अपनी पत्नी की यादों खो गए और बहुत भावुक हो गए थे।आडवाणी ने यंहा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ साधना भी की।
 
 लालकृष्ण आडवानी जी ने परमार्थ आश्रम मे  कहा कि श्रीमती कमला जी की प्रेरणा से ही वे पहली बार परमार्थ निकेतन आये थे। उन्होने रूद्राक्ष ध्यान वाटिका का अवलोकन करते हुये कहा कि ‘स्वस्थ जीवन के लिये ’हरित दिशा ही सही, सुरक्षित और सच्ची दिशा है; सुखद और सार्थक दिशा है’।  आडवानी  ने भारतीय जनता पार्टी के 38 वें स्थापना दिवस पर उन सभी पार्टी कार्यकताओं को बधाई दी जिनके त्याग, सेवा, समर्पण, निष्ठा, लगन और मेहनत से आज पार्टी विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन बनकर उभरी है। उन्होने सभी से निवेदन किया कि राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र सेवा को अपना प्रथम लक्ष्य बनायें।

स्वामी चिदानंद ने भाजपा की सफलता में आडवाणी के योगदान की सराहना जरूर की मगर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शान में भी जमकर कसीदे पढ़े, उन्होंने कहा कि ’भारत के यशस्वी एवं ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मंत्र दिया तथा सबका साथ, सबका विकास किसी एक पार्टी के लिये नहीं बल्कि पूरे भारत के लिये एक दिव्य मंत्र है। इसमें सबको बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिये। स्वामी जी ने कहा कि बीजेपी और भारत को शिखर पर ले जाने में  आडवानी जी का महत्वपूर्ण एवं अनमोल योगदान रहा। राजनीतिक गलियारों से लेकर सामाजिक कार्यो में उनका उत्कृष्ठ योगदान रहा। उन्होने सदैव एक कुशल मार्गदर्शक एवं प्रेरक की भूमिका निभायी है।


स्वामी जी  ने स्वर्गीय कमला आडवानी  को याद करते हुये कहा, ’ कमला जी ममता और करूणा की मूर्ति थी। वह आडवानी जी की सहधर्मिणी ही नहीं पग-पग पर साथ देने वाली मार्गदर्शिका भी थी। अद्भुत नारी शक्ति की प्रतीक थी कमला जी। भाजपा के कमल को  खिलाने में भी कमला जी का अमूल्य योगदान रहा, उन्होने अपना पूरा जीवन पार्टी और परिवार के लिये समर्पित किया एवं पार्टी के आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।’

स्वामी चिदानंद मुनि लालकृष्ण आडवानी के 90 वें जन्मदिवस पर उनसे भेंट नहीं कर पाये थे। इसलिए आज माँ गंगा के तट पर उनका दिव्यता से जन्मदिन समारोह भी मनाया गया जिसमें आडवानी जी के हाथों 90 रूद्राक्ष के पौधों का वितरण किया गया और भगवान शिव के चरणों में 90 दीपक प्रज्वलित किये गये।
 आश्रम पंहुचने पर नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य संदीप भट्ट, अमेरीका से आयी रेखा मशरूवाला, आचार्य दीपक शर्मा एवं सभी ऋषिकुमारों ने श्री आडवानी जी व परिवारजनों का स्वागत किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती,  लालकृष्ण आडवानी, साध्वी भगवती सरस्वती  एवं परिवार के सदस्यों ने मिलकर विश्व में सभी को स्वच्छ जल एवं सैनिटेशन की सुविधा उपलब्ध हो इस भावना से ’वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी’ सम्पन्न की। पूज्य स्वामी जी ने सभी विशिष्ठ अतिथियों को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया.
Front Page Bureau

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