हरिद्वार 17 मार्च। श्री निर्मल संतपुरा कनखल में नवसम्वतसर, चैत्र नवरात्र और रामनवमी की पूर्व संध्या पर संत समागम और महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। साथ ही 62 सालों से लगातार हो रही श्री गुरूग्रंथ साहब की 101 लडियों का अखंड पाठ का शुभारंभ हुआ, जो सितंबर माह तक चलेगा। इस अवसर पर प्रसाद वितरण भी किया गया।
इस अवसर पर संतपुरा के परमाध्यक्ष महन्त जगजीत सिंह महाराज ने समस्त देशवासियों को नवसम्वसर 2075 की शुभकामना देते हुए कहा कि गुरूओं के बिना ज्ञान संभव नहीं है। गुरू के ही निर्देशन में सत्य की राह हासिल की जा सकती है। भगवान राम ने भी गुरू वशिष्ट के बताए मार्ग पर चलकर ही विजय हासिल की।
गुरूओं का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि गुरूग्रंथ साहब ने समस्त मानव जाति को सच्ची राह दिखाई। और मानव धर्म ही सबसे बडा धर्म है, इसके बिना मानव जाति का कल्याण नहीं हो सकता है।
इस अवसर पर श्री निर्मल संतपुरा के गुरूजनों श्रीमहन्त बाबा हरनाम सिंह, महन्त बाबा हीरा सिंह, महन्त बाबा रघुवीर सिंह, महन्त बाबा महेन्द्र सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गुरूओं ने हमेशा मानव कल्याण की राह दिखाई है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्यामसुंदरदास शास्त्री, महन्त तीरथ सिंह, संत मंजीत सिंह, बाबा मोहन सिंह, संत त्रिलोचन सिंह भजनगढ वाले, संत हरपाल दास, संत विक्रम सिंह, संत कुलवंत सिंह, भाई हरजिन्द्र सिंह, भाई महिताब सिंह आदि ने अपने विचार रखे।