देहरादून:
कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए देहरादून के वीर सपूत दीपक नैनवाल का आज हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दीपक के छोटे भाई प्रदीप ने चिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर जहां जिले के डीएम और एसएसपी मौजूद रहे वहीं किसी भी जनप्रतिनिधि ने वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने के लिए श्मशान घाट आने की जरूरत महसूस नहीं की। दीपक नैनवाल कश्मीर में 10 अप्रैल को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में तीन गोली लगने से घायल हो गए थे। पुणे स्थित सेना के अस्पताल में इलाज के दौरान उंन्होने कल दम तोड़ दिया था।
आज सुबह शहीद दीपक का शव जब सुबह तड़के उनके घर देहरादून के हर्रावाला पंहुच तो पूरा गावं उनको श्रद्धासुमन अर्पित करने उनके घर पंहुच हुआ था। पूरे गावं में गम का माहौल था। गमगीन लोग भारत माता की जयकारों से शहीद को श्रद्धांजलि दी रहे थे तो जवान बेटे की मौत को लेकर उनके घर मे कोहराम मचा हुआ था। जैसे ही ताबूत में बंद उनका शव घर पंहुच तो घर मे आंसुओं का सैलाब बहने लगा। वंहा मौजूद हर किसी की आंखे नम थी। दीपक के पिता भी सेना में अधिकारी रह चुके है और वह भी अपनी ड्यूटी के दौरान उसी जगह तैनात रहे थे जंहा उनका बेटा शहीद हुए है। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल को अपने बेटे की शहादत पर गर्व तो है मगर दुख इस बात का है कि उन्हें अपने जवान बेटे की अर्थी को कंधा देना पड़ रहा है।
शहीद दीपक नैनवाल के एक बेटी और एक बेटा है। दीपक का शव जब घर पंहुच तो उसे फूलों की सेज पर सजाया गया था। उनकी 5 साल की बेटी समृद्धि को ये समझ नही आ रहा था कि उसके पापा फूलों की सेज पर क्यों लेटे हुए है। वो तो बस हाथ जोड़े टकटकी लगाए पापा को ही देखे जा रही थी की जैसे अभी पापा उठेंगे ओर प्यार से उसे गोद मे उठा लेंगे। दीपक के दोनों बच्चे उन्हें सलामी दे रहे थे। वे इस से अनजान थे कि उनके पापा अब कभी उन्हें प्यार करने के लिए वापस नही आएंगे। उनकी बेटी के मुहं से बस चंद शब्द निकले की उनके पापा आसमान में जाकर सितारा बन गए है। बेटी की मासूमियत भरे इन शब्दों को सुनकर वंहा हर किसी का दिल दहल रहा था। परिवार वालो पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। दीपक की पत्नी ज्योति का तो रो रोकर बुरा हाल था।
[highlight color=”yellow”]मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत श्रद्धांजलि देने पंहुचे शहीद के घर–[/highlight]
शहीद दीपक को श्रद्धांजलि देने के लिए हर्रावाला उनके घर सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पंहुचे । उंन्होने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी शहादत बेकार नही जाएगी। दीपक की शहादत को युगों युगों तक देश याद रखेगा।
[highlight color=”red”]हरिद्वार में अंतिम संस्कार में नही पंहुचे मंत्री और विधायक-[/highlight]
हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट पर शहीद दीपक नैनवाल का पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद दीपक को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए बड़ी संख्या में लोग वंहा पंहुचे थे। हरिद्वार ले जिलाधिकारी ओर एसएसपी भी पंहुचे मगर हरिद्वार के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री मदन कौशिक सहित हरिद्वार क्षेत्र के अन्य 3 विधायको में से एक भी शहीद के अंतिम में नही पंहुचा।
[highlight color=”orange”]कश्मीर में आतंकियों के साथ सीज फायर करने वाली महबूबा मुफ्ती और केंद्र सरकार से नाराज है दीपक के पिता[/highlight]
दीपक के पिता और पूर्व फौजी चक्रधर नैनवाल ने बेटे की शहादत के बाद केंद्र और प्रदेश की सरकारों पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि सेना के हाथ बंधे हुए हैं यदि सरकार 1 घंटे का समय फौज को दे दे, तो आतंकियों को सफाया कर दिया जाएगा उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ अपना वोट बैंक देख रही है। कोई आतंकियों के गले मिलता है तो कोई रिश्वत लेता है। उन्होंने आतंकवाद को मलेरिया और दीमक बताया जिसका खत्म होना बेहद जरूरी है।
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शहीद के पिता का कहना है कि अब उनका सब कुछ चला गया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेनानी थे। वह खुद फौज में रहे हैं और उनके बेटे ने भी एक कमांडो बन कर न केवल देश की सेवा की बल्कि अपने प्राण भी देश पर निछावर कर दिए। उनका कहना है कि सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं चाहिए। सरकार यह देख ले कि उसके बच्चे पढ़ लिख जाएं। जिस लोकेशन में उनका बेटा शहीद हुआ उन्होंने भी उसी जगह कई साल देश की सेवा की है।
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