हरिद्वार में भयंकर जाम से झुंझलाए पुलिस वाले कैसे यात्रियों और स्थानीय नागरिकों पर अपने झुंझलाहट उतार रहे है, इसका एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पुलिस वाले पुरुष और महिला यात्रियों की जमकर पिटाई कर रहे है। हरिद्वार पुलिस के अमानवीय चेहरे को दिखाती यह वीडियो आज ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई और इस वीडियो को अभी तक 1 लाख 30 हजार से ज्यादा लोग एक दिन में ही देख चुके थे।
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वायरल वीडियो की फ्रंट पेज न्यूज़ ने जब पड़ताल शुरू की तो सारी हकीकत सामने आई। यह मामला हरिद्वार में 16 जून को होना सामने आया। इस पूरे मामले की पड़ताल में तो सबसे खतरनाक सच सामने आया है वो पुलिस की थोड़ी बहुत बची हुई छवि को भी बिगाड़ने वाला है। केवल नो एंट्री जोन में जाने की जिद करने पर पुलिस वालों ने अच्छे खासे सभ्य परिवार को अपराधी बना दिया। जरा सी बात पर महिलाओं सहित इज्जतदार और संपन्न परिवार पर हत्या के प्रयास जैसे आरोप की धाराएं लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह थी घटना
हरिद्वार में चार दिन पहले 16 जून को जाम के दौरान हरियाणा के जीरकपुर से आये यात्रियों का हरिद्वार में अलकनंदा होटल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर नो एंट्री जोन में गाड़ी ले जाने को लेकर पुलिस कर्मियों से विवाद हो गया था। हरियाणा के यात्रियों की गाड़ी को गलत साइड से आगे ले जाने को लेकर पुलिस वाले रोक रहे थे, जबकि यात्री गाड़ी आगे ले जाने पर अड़े हुए थे। इसे लेकर दोनों पक्षो में विवाद हो गया। पुलिस वाले यात्रियों को समझाने के बजाय उनके साथ अभद्रता करते रहे। वंहा मौजूद पुलिस वालों ने इतना भी ख्याल नही किया कि वो महिला यात्रियों के साथ भी अभद्रता कर रहे है। यात्रियों के साथ कहासुनी में यात्रीयो और पुलिस कर्मियों में हाथापाई होने लगी। इसी बीच हाथापाई में ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर अरविंद राणा की वर्दी के सामने से बटन खुल गए और इसी से गुस्साई पुलिस ने अपना असली चेहरा दिख दिया। पुलिस वालों ने यात्रीयो को गाड़ी से उतार कर उनकी पिटाई करनी शुरू कर दी। यात्रियों को घेर कर लाठियां बजाने में जुटे हुए थे पुलिस वाले। पुलिस वालों ने यात्रियों की लाठी डंडों लात घूंसों से जमकर धुनाई की। पुलिस वालों ने यात्रियों के साथ कि महिलाओं को भी नही बक्शा। महिलाओं के साथ भी पुलिस वालों ने जमकर अभद्रता की।
इस मामले में हरिद्वार की एसपी सिटी ममता वोहरा से बात की तो पहले तो मैडम ने इस तरह की जानकारी होने से इंकार किया और कहने लगी कि उन्होंने भी आज ही यह वीडियो देखा है। और इसकी जांच सीओ सिटी को सौंपी जा रही है। अब आप खुद ही देखिए कि हरिद्वार पुलिस के हालात क्या है, की 4 दिन पहले की घटना का एसपी सिटी को पता नही है, जबकि हरिद्वार पुलिस घटना वाले दिन 16 जून को ही घटना के पीड़ित आरोपियों को हत्या के आरोप लगा कर दो पुरुषों और दो महिलाओं को जेल भेज चुकी
दरअसल हरिद्वार को सरकार, स्थानीय जन प्रतिनिधियों, सरकार में शहरी विकास मंत्री और हरिद्वार प्रशासन की अकर्मण्यता और अदूरदर्शिता की वजह से भयंकर जाम से जूझना पड़ रहा है। जाम की वजह से यात्री तो परेशान है है, सबसे ज्यादा दुर्गति स्थानीय नागरिकों की बनी हुई है।
चार दिन पूर्व टीएसआई के साथ यात्रियों और पुलिस वालों की यात्रियों व महिला यात्रियों के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में हरिद्वार पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ गया।
हरियाणा के जीरकपुर के रहने वाले थे सभी पुलिस पीड़ित यात्री
गाड़ी में 4 यात्री थे जिन्हें पुलिस नव गिरफ्तार कर लिया था। इनमे मनोज कुमार पुत्र गाँधीराम, निवासी जीरकपुर, मोहाली , बादल पुत्र गाँधीराम, सोनिया पत्नी मनोज और सुमन पत्नी अशोक निवासी मोहल्ला उधमिपुर, झज्जर, को हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने हंगामा मारपीट, हत्या के प्रयास के आरोपो में धारा 332, 353, 307, 504 व 427 के तहत जेल भेज दिया है।