इटली,
चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हरिद्वार के वक गावं की बालिका ने विदेशों भी योग का परचम फहराया है। फेरुपुर गावं की योगाचार्य दीक्षा चौहान दुनिया के कई देशों में भारतीय योग, अध्यात्म, यज्ञ, और संस्कृति को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। आज 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन दीक्षा ने इटली के सिसली आइलैंड के मैसीना शहर में लोगों को योग सिखाया।
आज भारत के कई युवा विश्व मे विदेशियों को योग सीखा भारत का नाम रोशन कर रहे है। ऐसे ही युवाओं में एक नाम हरिद्वार के छोटे से गांव फेरूपुर में रहने वाली भारत की बेटी दीक्षा चौहान का भी शामिल है पिछले कई वर्षो की भांति दीक्षा यूरोप में लोगों को योग सिखा रही है। इतना ही नहीं योग के साथ-साथ दीक्षा विदेशियों को भारतीय संस्कृति के बारे में बता रही है सिखा रही है अपने इस यूरोप दौरे में दीक्षा 3 जून से लेकर 3 जुलाई तक यूरोप के स्वीडन, बेल्जियम, जर्मनी इटली आदि देशों में पहुंचकर लोगों को योग सिखा रही है। आज 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दीक्षा ने इटली के सिसली आइलैंड के मैसीना शहर में लोगों को योग सिखाया। हरिद्वार की बेटी दीक्षा चौहान का कहना है कि आज चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। उन्हें भी चौथी बार यूरोप के देशों में योग सिखाने का मौका मिला है। दीक्षा के अनुसार दीक्षा ने हरिद्वार में गंगा किनारे 18 साल की उम्र से योग करना शुरू कर दिया था। जो योग इन्होंने भारत में सीखा है वही योग इनके द्वारा यूरोप देशों में लोगों को सिखाया जा रहा है। इन्हें खुशी है कि विदेशो में लोग योगा में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि जो प्रथा हमारे देश के ऋषि मुनियों हमें सिखाई है उसे आज उसी प्रथा को विदेशी भी बढ़-चढ़कर अपना रहे हैं ।
अपनी बेटी की लगन और मेहनत से दीक्षा के परिजन भी खासे उत्साहित हैं। दीक्षा के पिता कृष्ण कुमार और माता रजनी चौहान का कहना है कि जो उसने अपने शहर और प्रदेश में सीखा उसे अब वह दुनिया में लोगों को सिखाकर देश का नाम रोशन कर रही है। दीक्षा के पिता का कहना है की दीक्षा में बचपन से ही योग सीखने को लेकर ललक थी। पहले स्कूल फिर ऋषिकेश में उसने योग की शिक्षा प्राप्त की। आज विदेश में योग सिखा रही है।
आज भारत के युवा दुनिया भर में योग और भारतीय संस्कृति की पताका फहराने में लगे हुए हैं यह युवा आज दुनिया भर में देश का सर गर्व से ऊंचा कर रहे हैं। इनकी इस मुहिम में सरकार को आगे आकर इनका ओर सहयोग करने की ज़रूर है।