ऋषिकेश। अब देश मे बिजली को भी स्टोर किया जा सकेगा। इसके लिए टिहरी बांध का संचालन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी टिहरी हाइड्रो विकास निगम ऊर्जा बचत बैंक की दिशा में काम कर रहा है। टीएचडीसी केंद्र सरकार की परियोजना हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है। हायड्रोजन मिशन के द्वारा बनने वाली बिजली को स्टोर भी किया जा सकेगा।
टीएचडीसी के सीएमडी राजीव विश्नोई ने फ्रंट पेज न्यूज से खास मुलाकात में बताया कि देश मे अभी तक सौर ऊर्जा, हाइड्रो पवार और थर्मल पावर प्लांट के जरिये ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। मगर इन तकनीक में पैदा होने वाली बिजली को स्टोर नही किया जा सकता है। हायड्रोजन की तकनीक से बनने वाली बिजली को ना केवल स्टोर किया जा सकता है बल्कि उसे इस स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा कर इस्तेमाल भी किया जा सकता है। बिजली को स्टोर करने से इसका बिजली संकट के वक्त भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। राजीव विश्नोई के अनुसार ऊर्जा बचत बैंक से देश के ऐसे बड़े ओद्योगिक संस्थानों को बहुत फायदा होगा और देश को विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
राजीव विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी उत्तराखंड सरकार के साथ भी करीब 12 हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट संयुक्त उपक्रम के तहत लगाने जा रही है। इनकी विद्युत उत्पादन क्षमता 3 हजार किलोवाट होगी। इन परियोजनाओं पर करीब 20 हजार करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। इन परियोजनाओं में 75 फीसदी की हिस्सेदारी टीएचडीसी और 25 फीसदी राज्य सरकार की होगी मगर इसके बावजूद भी इन परियोजनाओं पर पूरा हक राज्य सरकार का होगा।