दुबई। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। उनके परिवार ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। मुशर्रफ एमायलाइड़ोसिस नाम की बीमारी से ग्रस्त है और पिछले कई दिनों से दुबई के एक अस्पताल मे भर्ती है। मुशर्रफ साल 2016 से ही इलाज करने के लिए दुबई गए थे और तब से वही रह रहे है। उनके परिवार ने उनकी मृत्यु की खबरों का खानदान करते हुए बताया की उन्हें वेंटीलेटर से हटा दिया गया है। उनके शरीर के ज्यादातर अंगों ने काम करना बंद कर दिया है और रिकवरी की कोई उम्मीद नहीं है। परिजनों का कहना है की सब उनके लिए दुआ करें। उनके परिजन करांची से दुबई पंहुच रहे है।
मिडिया मे आज चलने लगी थी मुशरफ की मौत की खबरे
आज दोपहर बाद एक टीवी चैनल जीएनएन ने दावा किया है कि परवेज मुशर्रफ को दिल और अन्य बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें दुबई में वेंटिलेटर पर रखा गया था। बीमारी से लड़ते हुए शुक्रवार को उनका निधन हो गया। कई जगहों पर उनके निधन की खबरें चलने के बाद मुशर्रफ की राजनीतिक पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ने प्रेस रिलीज के द्वारा जानकारी दी है कि मुशर्रफ अलर्ट पर हैं और उनके बारे में फेक न्यूज न चलाई जाए।
आपको बता दें कि 78 वर्षीय मुशर्रफ ने 2001 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया था। मौजूदा समय में मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वे कैंसर की बीमारी से पीड़ित हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ इससे पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ भी रहे। भारत और पाकिस्तान के बीच हुई कारगिल की जंग के लिए मुशर्रफ को ही सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है। आर्मी चीफ पद पर रहते हुए मुशर्रफ ने नवाज़ शरीफ के विदेशी दौरे पर होने के वक्त उनका तख्ता पलट करते हुए खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने ऐसी सजा सुनाई।
3 नवंबर, 2007 को देश में इमरजेंसी लगाने और और दिसंबर 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया था। मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं।