हरिद्वार 14 फरवरी। जम्मू कश्मीर के सुजवां में फिदायीन हमले में आतंकियों से मुठभेड़ में हुए शहीद हुए उत्तराखंड के सपूत राकेश रतूड़ी का आज हरिद्वार में पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। खड़खड़ी स्थित शमशान घाट पर शहीद के बेटे नितिन ने अपने पिता की चिता को मुखग्नि दी। अंतिम संस्कार के वक्त सेना के जवानों में शहीद राकेश रतूड़ी के सम्मान में बंदूकें उल्टी करके उनको सलामी दी। शहीद राकेश रतूड़ी को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, हरिद्वार मेयर मनोज गर्ग, जिलाधिकारी दीपक रावत ओर एसएसपी कृष्ण कुमार वीके भी पंहुचे।पंचतत्व में विलीन वीर सैनिक के अंतिम दर्शनों को सैकड़ों की संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे और नम आंखो से विदाई दी।
सैकड़ों लोगों में इस मौके पर पाकिस्तान के प्रति बहुत गुस्सा दिखाई दिया।
जैसे ही शहीद राकेश की चिता को मुखग्नि दी गई तो पूरा वातावरण पाकिस्तान मुर्दाबाद ओर राकेश रतूड़ी अमर रहे के नारों से गूंज उठा।
उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने भी शहीद राकेश रतूड़ी की शहादत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि शहीद राकेश रतूड़ी को युगों-युगों तक याद किया जाएगा। उत्तराखंड न केवल देवभूमि है बल्कि वीरभूमि भी है। यहां के वीरों ने समय-समय पर देश की आन, बान और शान को बचाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
जिलाधिकारी श्री दीपक रावत ने शहीद राकेश रतूड़ी के साहस और बलिदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि उत्तरखण्ड की भूमि से वीरता और शहादत की शौर्य गाथायें कभी समाप्त नहीं होंगी। यहां का हर नागरिक अपनी जन्मभूमि को समर्पित एवं राष्ट्र भावना से ओत-प्रोत है।
शहीद राकेश के चाचा का कहना है कि उन्हें गर्व है कि उनका भतीजा देश के लिए शहीद हुआ है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कब तक देश के लाल इसी तरह आतंकियों से लड़ते हुए शहीद होते रहेंगे। अब सरकार को 1961 की तरह आर-पार की लड़ाई करनी चाहिए और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। 44 वर्षीय राकेश रतूड़ी पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लाक के अंतर्गत सांकर गांव के निवासी थे। राकेश रतूड़ी सुजवां हमले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए घायल हो गए थे। घायल राकेश रतूड़ी ने सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया। शहीद का परिवार वर्तमान में देहरादून के बड़ोवाला में रहता है। वह अपने पीछे एक पुत्री, एक पुत्र तथा पत्नी को छोड़ गए हैं।
राकेश रतूड़ी की शहादत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है।