“खून का रिश्ता बनाये, रक्त दान कर मानवता को बचाए” मानव की सेवा ही सच्चा धर्म है। मानव एकता दिवस पर यंहा हुआ रक्तदान शिविर का आयोजन

हरिद्वार। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मानव एकता दिवस पर बाबा गुरुबचन की स्मृति में सम्पूर्ण भारतवर्ष में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । संत निरंकारी मंडल के तत्वधान में और सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज महाराज की असीम कृपा से ज्वालापुर ब्रांच बहादराबाद संत निरंकारी मिशन द्वारा एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। मानव एकता दिवस पर मानव सेवा के जज्बे को बरकरार रखते हुए आज एक बार फिर संत निरंकारी मिशन के वॉलिंटियर्स रक्तदान के लिए आगे आए। सतगुरु द्वारा चलाई गई मानवीयता की भावना को अपने मन और चेतना में समाहित कर सर्वोपरि रखते हुए हरिद्वार,ज्वालापुर एवं रुड़की के निरंकारी सेवादार भक्त इस शिविर में बड़े उत्साह से आगे आए सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का मानवता के प्रति सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

सतगुरु बाबा जी ने सिखाया है कि रक्त नालियों में नहीं नाडियों में बहना चाहिए जिस प्रकार से संपूर्ण मानव परिवार इस पर परिस्थिति से जूझ रहा है मानव का मानव के प्रति प्रेम एवं मानव के प्रति सेवा की भावना भी सभी के मनों में बड़ी है हम सबको किसी न किसी रूप में एक दूसरे के साथ की जरूरत है मानव एकता की जरूरत है संपूर्ण विश्व में मानव प्रेम का उदाहरण पेश किया जा रहा है ऐसे कैंप लगाकर मानव की सेवा की जा रही है । रक्त वॉलिंटियर्स की लंबी लाइनें लगी है हमारा लक्ष्य 400से अधिक यूनिट का है। डॉक्टर की ब्लड बैंक की एक टीम हरिद्वार और एक टीम रूडकी से रक्त एकत्रित किया गया ।

 

सद्गुरु माता जी ने ज़ूम एप के जरिये फ़रमाया की बाबा गुरु गुरबचन सिंह जी के जीवन एवं उनकी शिशायो से हमे प्रेरणा लेते हुए मानवता की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है उन्होंने कहाँ की किशोरीवस्था में हमे इंतजार रहता था की कब हम युवावस्था में प्रवेश करेंगे और मानव मात्र की सेवा ,रक्तदान के माध्यम से कर सकेंगे ऐसी ही भावना हम सभी में बनी रहे

 

इस अवसर पर मिशन प्रचारक राजीव बिजल्वान ने बताया की आज 24 अप्रैल को 1980 को बाबा गुरुवचन के शारीर को विरोधियो ने समाप्त कर दिया। इस दिवस को बाबा हरदेव सिंह ने बलिदान एकता को समर्पित करते हुए शहीदी दिवस के रूप में विशाल रक्तदान शिविर प्रारम्भ किया। तभी से इस दिन को मानव एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दौरान उन्होंने कहा की मानव रक्त नालियों में नही नाड़ियो में बहना चाहिए। संत निरंकारी मिशन द्वारा पुरे विश्व में रक्त दान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिस प्रकार से सम्पूर्ण मानव के प्रति प्रेम एवं मानव के प्रति सेवा की भावना भी सभी के मनो में बड़ी है ऐसे में हम सबको किसी न किसी रूप में दुसरे की मदद करनी चाहिए। आज के युग में मानव एकता की जरूरत है सम्पूर्ण विश्व में मानव प्रेम का उदाहरण पेश किया जा रहा है।

Front Page Bureau

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