हरिद्वार । अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में सीबीआई फुल एक्शन में है। आज सीबीआई की टीम ने महंत मौत के सीन को रिक्रिएट किया। सीबीआई की टीम ने आज बाघम्बरी मठ के उस कमरे में जाकर बारीकी से जांच पड़ताल की है जिस कमरे में नरेंद्र गिरी ने कथित तौर पर फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या की। सीबीआई की टीम ने कमरे में आत्महत्या के सीन को रिक्रिएट भी किया।
आत्महत्या की थ्योरी में झोल
सूत्रों के अनुसार सीबीआई को भी आत्महत्या की थ्योरी में झोल नजर आ रहा है। कहा जा रहा है कि सीबीआई की टीम महंत नरेन्द्रगिरि के शव को समाधि से निकालकर उसकी पुनः जांच कर सकती है।
- कहा जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी के शव पंर उनके गले मे फांसी के फंदे का कोई निशान नजर नही आ रहा था।
- माना जा रहा है कि अगर नरेंद्र गिरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की होती तो उनके गले पर रस्सी के गहरे निशान पड़े होते।
- इसके अलावा फांसी लगाने वाले व्यक्ति के चेहरे पर भी कई तरह के परिवर्तन नजर आते है मगर नरेंद्र गिरी के चेहरे पर ऐसा कुछ नजर नही आया।
संदेह के बिंदु
महंत नरेंद्र गिरी शायद पैरों में गठिया होने की वजह से ठीक से चल भी नही पाते थे। अब सीबीआई के लिए यह भी जांच का बिंदु हो सकता है कि नरेंद्र गिरी कैसे बिना किसी के सहारे के अकेले इतनी ऊंचाई पर पंखे के हुक से पहले रस्सी बांधते और फिर लटक जाते। उनकी शारीरिक हालात को देखते हुए यह संभव नजर नही आता है। यही नही फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाला व्यक्ति फांसी पर लटकने के लिए अपने पैरों के नीचे जिस वस्तु स्टूल कुर्सी आदि का उपयोग करता है और लटकने के लिए उसे गिरा देता है, इस भी उस कमरे में कुछ नजर नही आया था। ऐसे में आत्महत्या की थ्योरी में कई ऐसी बाते है जो आत्महत्या की थ्योरी को संदेह के घेरे में लाती है।
बहरहाल सीबीआई इस केस मे हर पहलू पर जांच में जुटी है और अगर जांच सही दिशा में आगे बढ़ती रही और जांच को बिना दबाव आगे बढ़ना दिया गया जो नरेंद्र गिरी मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते है।
इसी के साथ ही सीबीआई को आज महंत मौत केस के तीनों आरोपियों आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी की 7 दिन की रिमांड भी मिल गयी है।