अलविदा देश के महान योद्धा, आप हर भारतीय के दिलो में हमेशा जिंदा रहोगे, जनरल का पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

कुन्नूर हेलीकॉटर क्रैश में मृत तीनो सेनाओं के प्रमुख देश के पहले सीटिंग सीडीएस जनरल विपिन रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। दिल्ली केंट के बरार स्क्वायर शमशान घाट पर पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ आज उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसी के साथ हादसे में जनरल के साथ मृत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर को अभी आज अंतिम विदाई दी गई। देश के इन महान सपूतों की अंतिम विदाई में अपने वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने जन सैलाब उमड़ पड़ा।

सीडीएस बिपिन रावत समेत तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर लिड्डर को आजअंतिम विदाई दी गई। जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास पर आज सुबह से उनके अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। देश के महान योद्धा को अंतिम देने के लिए उनके आवास पर लोगो की भारी भीड़ पंहुची। जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि देने पंहुचे हर व्यक्ति की आंखे नम थी और हर व्यक्ति उनके बस एक बार अंतिम दर्शन कर लेना चाहता था। सुबह से ही देश के बड़े नेता विशिष्ट व्यक्ति , धर्माचार्य  उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर पंहुचने शुरू हो गए थे।

केंदीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सीजेआई एन वी रवन्ना, आर्मी चीफ एम एम नरवणे, आईएएफ चीफ वी आर चौधरी और नेवी चीफ आर हरि कुमार  सहित अनेक विशिष्ट लोगो ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। देश भर से भी आम लोगो का भी भारी हुजूम उनके अंतिम दर्शनों के लिए वंहा पंहुचा। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के दौरान श्रीलंका, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश की सेनाओं के कमांडर भी पहुंचे।

दोपहर 2 बजे जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी की शव यात्रा सेना की तोप गाड़ी में बरार स्क्वायर के लिए उनके आवास से शुरू हुई। जनरल रावत की अंतिम यात्रा में सेना के करीब 800 जवान शामिल थे। तीनो सेनाओं के बैंड के 33 सदस्यों शोक धुन बजाते हुए अंतिम यात्रा में चल रहे थे। शव यात्रा के आगे सेना के ब्रिगेडियर स्तर के 6 अधिकारी तिरंगा लेकर चल रहे थे जबकि 99 सैन्य कर्मी उनकी शव यात्रा को एस्कॉर्ट कर रहे थे। जनरल को 17 गनो की सलामी दी गई। इसके अलावा सैकड़ो की संख्या में आम आदमी भी तिरंगा लेकर अपने योद्धा को अंतिम सफर की और ले जा रहे थे। जनरल के सम्मान में जगह जगह उनको श्रद्धांजलि के होर्डिंग्स लगाए गए थे और लोग ” जब तक सूरज चंद रहेगा, विपिन रावत का नाम रहेगा” , विपिन रावत अमर रहे, भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।

करीब 5 बजे जनरल की शव यात्रा बरार स्क्वायर पंहुची जंहा उन्हें 17 गनो की सलामी दी गई।  देश के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बरार स्क्वायर पंहुचकर जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की। जनरल की दोनों बेटियों कृतिका और तारिनी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी। बेटी कृतिका ने अपने पिता और माता को मुखाग्नि दी।

हादसे में जनरल के साथ मृत ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर को भी पूरे सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर की बेटी आश्ना लिड्डर ने कहा, मैं 17 साल की होने वाली हूं। मेरे पिता मेरे साथ 17 साल रहे। मैं उनकी अच्छी यादों के साथ आगे बढ़ूंगी। उनका जाना राष्ट्र के लिए नुकसान है। मेरे पिता हीरो थे। वे मेरे अच्छे दोस्ते थे। शायद उनका जाना हमारी किस्मत हो सकता है, या बेहतर चीजें आगे आएंगी। वे मेरे सबसे बड़े प्रेरक थे।

Front Page Bureau

Front Page Bureau

This function has been disabled for Front Page Newz.