हरिद्वार
चमार वाल्मीकि महासंघ एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रविदास बस्ती कनखल में स्वच्छ पानी ,शिक्षा ,सम्मान, रोटी ,कपड़ा और मकान, दिलाने के लिए अपने चार -चार बच्चों का बलिदान करने वाली समर्पण ,बलिदान की त्यागमूर्ति माता रमाबाई अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर उस त्याग की महान मूर्ति के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी ।
श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर चमार वाल्मीकि महासंघ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी अत्यंत पिछड़ी अनुसूचित जाति जागृति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र श्रमिक ने मूलनिवासी बहुजन समाज के लिए अपने चार -चार बच्चों को दफन कर मूलभूत अधिकार दिलाए हैं अगर माता रमाबाई अंबेडकर जी अपने पति बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सहयोग ना करती और उनका विरोध करती तो आज हम जानवर से भी बदतर जीवन जीने पर मजबूर होते। उन्होंने कहा कि हम हजार बार भी जन्म ले तब भी उनका यह ऋण उतार नहीं सकते हम उनके कर्जदार हैं उन्होंने कहा मूलनिवासी बहुजन समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी पैदा होने वाले लोग भी उनके कर्जदार रहेंगे ।
चमार वाल्मीकि महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर कहा कि माता रमाबाई अंबेडकर ने बहुत ही विकट परिस्थिति में मुंबई महाराष्ट्र की सड़कों से गोबर इकट्ठा करके उसके ऊपले बनाकर उन्हें बेचकर पढ़ाई करने गए बाबा साहेब को पैसे भेजती थी।अगर माता रमाबाई अंबेडकर जी उनकी इस तरह मदद ना करती तो बाबा साहेब पढ़ाई नहीं कर पाते और पढ़ाई ना कर पाते तो संविधान बना पाते और बाबा साहब सविधान ना बनाते तो हमें किसी भी तरह के अधिकार ना होते जो आज संविधान के बावजूद भी हमारे साथ जानवरों जैसा सलूक करते हैं अगर संविधान ना होता तो आप अंदाजा लगा सकते हैं।
इस अवसर पर डॉ वीके टम्टा ,आशीष राजौर ,सरोज पाल सिंह, ठेकेदार आनंद कुमार, सुनील कुमार परविंदर कुमार, जग रोशन देवी, रूबी ,रीना, वेदपाल, महेंद्र सिंह, अमित सिंह ,अंशुल सिंह, आयुषी, जग रोशनी, अद्विक सिंह आदि ने पुष्प अर्पित किए।