योग गुरु रामदेव के बालसखा, पतंजलि के संस्थापक सदस्य स्वामी मुक्तानंद पंचतत्व में विलीन, अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब 

हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी स्वामी मुक्तानंद का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया। कल देर रात उनका अचानक ही हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। असामयिक निधन के बाद आज शाम कनखल के शमशान घाट पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और संस्थापक सदस्य और स्वामी रामदेव के विश्वसनीय सहयोगी स्वामी मुक्तानंद महाराज का आज कनखल श्मशान घाट पर वैदिक विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी चिता को योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने मुखाग्नि दी।

स्वामी मुक्तानंद
स्वामी मुक्तानंद

कल देर रात अचानक ही मुक्तानन्द की तबियत बिगड़ी तो उन्हें सिडकुल के मेट्रो अस्पताल ले जाया गया जंहा उनकी मौत हो गई। मुक्तानंद की मौत से पूरे पतंजलि परिवार में शोक व्याप्त हो गया। उनका पार्थिव शरीर कनखल दिव्य योग मंदिर में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। सुबह से ही बड़ी संख्या में साधु संत राजनेता व अन्य लोग पंहुच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

उनकी अंतिम यात्रा आज दिव्य योग मंदिर कनखल से शाम 4 बजे कनखल श्मशान घाट के लिए शुरू हुई। जगह-जगह लोगों ने अपने जनप्रिय संत की अंतिम यात्रा में पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके अंतिम संस्कार में जन सैलाब उमड़ पड़ा। उनको याद करते हुए स्वामी रामदेव भावुक हो गए और कहा कि मेरा जीवन उनके उपचारों से भरा हुआ था और उनके इतनी जल्दी चले जाने का उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि वे हमारे बीच में नहीं है। उन्होंने हमें जो प्रेम और आशीष दिया वह कभी नहीं भुला सकते। वह हमारे संरक्षक थे और वह सच्चे अर्थों में सन्यासी जीवन को व्यतीत कर रहे थे। स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि उन्हें सबसे बड़ा मानती है परंतु वे व्यक्तिगत रूप से सबसे बड़ा स्वामी मुक्तानंद को मानते थे उनका आशीष प्यार कभी भुलाया नहीं जा सकता उनका सपना पतंजलि को शीर्ष पर पहुंचाने का था जो उनके सामने पूरा हुआ।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने मुक्तानंद के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने अपना बाल सखा खो दिया। उनका जीवन हम सब को प्रेरित करता रहेगा वह एक मस्त मौला संत थे। वह ऐसे महापुरुष थे जिनका जीवन अहंकार से कोसों दूर था। उन्होंने कहा कि स्वामी मुक्तानंद जी का चले जाना पतंजलि के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है। रोते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि अब मुझे सुबह आकर कौन एक पिता की तरह और मां की तरह पूछेगा। वह मेरे मित्र भी थे उनके साथ बिताए क्षणों को आचार्य बालकृष्ण ने साझा किया और उन्हें अपना संरक्षक बताया।

 

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि वे पुरुषार्थ सेवा विनम्रता सद्भाव और ममता की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने कहा कि वे पतंजलि योगपीठ के बहुत बड़े स्तंभ थे और युगपुरुष थे उन्हें अन्य संतों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वामी संपूर्णानंद महाराज ने कहा कि  वे कटु सत्य बोलते थे और बड़ी ही विनम्रता से अपनी बात कहते थे बाबा हठयोगी ने कहा कि वे ऐसे संत थे जो भौतिकता बाद से कोसों दूर थे और सच्चे अर्थों में संत थे स्वामी चिदानंद मुनि ने बाकी उनका जीवन सादगी पूर्ण जीवन था और वे संतो के सच्चे प्रतिनिधि थे।

 

स्वामी मुक्तानंद के अंतिम संस्कार में रामदेव और मुक्तानंद के पुराने सहयोगी पतंजलि के संस्थापक सदस्य रहे आचार्य कर्मवीर भी पंहुचे थे और उनकी अर्थी को कंधा भी दिया।

श्मशान घाट कनखल में उनके अंतिम संस्कार में आचार्य प्रदुम्न जी महाराज, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, गुरुकुल चोटीपुरा मुरादाबाद की आचार्य बहन सुमेधा, श्री पंचायती उदासीन अखाड़ा के प्रमुख महंत श्री रघु मुनि महाराज ,महंत दामोदर दास महाराज, महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व विधायक संजय गुप्ता,  वरिष्ठ भाजपा नेता विमल कुमार, निर्मल पंचायती अखाड़ा के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री ,श्री निर्मल संत पुरा के अध्यक्ष महंत जगजीत सिंह शास्त्री, स्वामी संपूर्णानंद महाराज, महंत राजेंद्र दास, अखिल भारतीय युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवानंद महाराज, डॉक्टर स्वामी हरिहरानंद शास्त्री,स्वामी  रवि देव, महंत अखाड़ों की केशवानंद, महंत दिनेश दास, स्वामी आनंद शास्त्री, महंत कृष्णागिरी, महंत सुरेश दास,महंत प्रेमदास, महंत  रविंद्रनंद,  महंत बसंत मुनि, बाबा हठयोगी महंत दुर्गादास,  पतंजलि मेगा फूड पार्क के सीएमडी राम भरत ,डॉक्टर जयदेव शास्त्री, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति महावीर अग्रवाल, प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्रवण झा, महामंत्री अश्विनी अरोड़ा ,पतंजलि योगपीठ के उपाध्यक्ष ललित मोहन ,तरुण राजपूत,मेगा फूड पार्क पतंजलि के महाप्रबंधक वाय डी आर्य आदि सम्मिलित हुए

 

Front Page Bureau

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