अतिक्रमण के नाम पर संतो की कुटियां पर बुलडोजर, संतो मे आक्रोश, अनशन पर बैठे संत

हरिद्वार, 2 फरवरी। हरिद्वार मे बैरागी संतो मे उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बैरागी केम्प मे संतो की कुटियाओं को अतिक्रमण बताकर तोड़फोड़ करने को लेकर आक्रोश है। संतो ने कैम्पो मे जेसीबी से तोड़फोड़ के खिलाफ अनशन का एलान कर दिया। बैरागी संतों ने बैठक कर अतिक्रमण के नाम पर बैरागी कैंप में रहने वाले बैरागी संतों का उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के प्रति नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की कड़ी निंदा की। संतों ने कहा कि कोर्ट के स्थगनादेश आदेश के बावजूद बावजूद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर संतों का उत्पीड़न किया जा रहा है। संतो ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही संतो के तोड़े गए निर्माण को सिंचाई विभाग ने दोबारा से नहीं बनवाया तो अमरान अनशन शुरू किया जायेगा और अधिकारीयों के खिलाफ कोर्ट कि अवमानना का केस दायर किया जायेगा।

हरिद्वार मे बैरागी कैंप मे अतिक्रमण हटाने के नाम पर संत उत्पीड़न का आरोप लगा रहे है। हरिद्वार के बैरागी केम्प मे कुम्भ मेलो के दौरान तीन बैरागी अखाड़ों को अपने कैम्प लगाने के लिए ज़मीन आबाटित की जाती है। इन ज़मीनो पर कुम्भ के बाद बजी संतो के पूजा स्थल अस्थायी रूप से बने रहते है। साल 2021के कुम्भ के दौरान संतो ने अपनी अबटित भूमि मे चाहरदिवारी के साथ मंदिर का पक्का निर्माण और कुछ सत्संग भवन का निर्माण करा लिया था जिसे अधिकारीयों ने अतिक्रमण बताते हुए हाईकोर्ट से इन्हे तोड़ने के आदेश करा लिए थे। इस आदेश के बाद संतो की अपील पर कोर्ट ने तोड़फोड़ पर स्टे कर दिया था। स्टे के बावजूद भी दो दिन पहले यूपी सिंचाई विभाग लाव लश्कर के साथ जेसीबी लेकर तोड़फोड़ करने पंहुच गए थे और बैरागी अखाड़ों के कैम्पो मे जेसीबी से तोड़फोड़ शुरू कर दी जिससे संत भड़क गए थे और मोके पर हंगामा शुरू कर दिया था. विभागीय करवाई का विरोध करते हुए एक संत ने मौके पर ही अपने गमछा से गला घोंटकर आत्महत्या करने की कोशिश की तो हड़कंप मच गया था। पुलिस ने बमुश्किल संत को आत्महत्या करने से रोका और अपने अभियान को रोक कर अधिकारी 15 दिन का समय देकर वापस लौट गए थे।

उधर यूपी सिंचाई विभाग की कार्रवाई का विरोध करते हुए निर्मोही अनी अखाड़े में संतों ने आज से अनशन का एलान किया था। आज मौके पर बड़ी संख्या मे इकट्ठा हुए और बैठक को संबोधित करते हुए बाबा बलराम दास हठयोगी ने कहा कि बैरागी कैंप की भूमि बैरागी अखाड़ों के लिए आरिक्षत कुंभ मेला भूमि है। कुंभ मेले के दौरान हमेशा बैरागी कैंप में तीनों बैरागी अखाड़ों की छावनियां लगती हैं। तीनों अखाड़े के कुछ संत कुटिया बनाकर रहते हैं और भजन कीर्तन आदि करते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग अतिक्रमण के नाम पर बार बार संतों का उत्पीड़न करता है। जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप से अतिक्रमण हटाने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा जारी स्टे को भी विभाग नहीं मान रहा है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल बैरागी अखाड़ों को ही परेशान किया जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। स्थानीय पार्षद सचिन अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस नेता धर्मवीर सैनी द्वारा बैरागी कैंप में अतिक्रमण के नाम पर हाईकोर्ट में पीएल डाली गई थी। इस पर सिंचाई विभाग द्वारा 658 परिवार की एक सूची बनाई थी। जिसे अवैध अतिक्रमण के नाम पर हटाया जाना था। इसको लेकर हम हाईकोर्ट गए और हमें स्टे मिला। इसमें 658 परिवारों के साथ श्रीपंच निर्माही अनी अखाड़ा, श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा व श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़ा भी शामिल हैं। सचिन अग्रवाल ने बताया कि स्टे की प्रति कई दिन पहले ही यूपी सिंचाई विभाग को उपलब्ध करा दी गयी थी। इसके बावजूद संतों का उत्पीड़न किया जाना निंदनीय है। महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की कार्रवाई निंदनीय है। अभी तक यह भी कंफर्म नहीं हो सका है कि यह भूमि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की है या उत्तराखंड सिंचाई विभाग की। जमीन किस विभाग की है यह तय होने के बाद उस विभाग से वार्ता की जाएगी।

 

उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप में सैकड़ो की संख्या मे हुए अवैध स्थाई निर्माण की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और ना ही उसे हटाया जा रहा है। केवल बैरागी अखाड़ों को ही निशाना बनाया जा रहा है। महंत गोविंददास व महंत पवित्रदास पुजारी ने कहा कि यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी बैरागी अखाड़ों में तोड़फोड़ की भरपाई करें। यदि 13 फरवरी तक तोड़े गए निर्माण कार्य वापस ठीक नहीं कराये गए तो फिर आमरण अनशन के साथ कोर्ट की अवमानना की करवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही संतो ने मांग की कि भगवा चोले का अपमान व संतों का उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों पर यूपी सरकार कार्रवाई करे। बैठक में महंत विष्णुदास, महंत बलराम दास हठयोगी, महंत रघुवीर दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत पवित्रदास पुजारी, महंत प्रमोद दास, महंत बिहारी शरण, महंत सूरज दास, महंत प्रेमदास, महंत गोविंददास, महंत जयराम दास आदि संत मौजूद रहे।

 

Front Page Bureau

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