उत्तराखंड की पूरी सरकार टिहरी झील में, तैरते हुए रेस्तरां में हुई मंत्रिमंडल की बैठक, “विकास” के लिए बैठक में लिए गए ये है महत्वपूर्ण फैसले

उत्तराखंड की पूरी सरकार आज टिहरी झील में थी। उत्तराखंड की कैबिनेट की बैठक का आयोजन आज टिहरी झील में किया गया था, मकसद था उत्तराखंड में पयर्टन को बढ़ावा देना। पयर्टन को बढ़ावा देने के संदेश के साथ टिहरी झील के तैरते हुए रेस्तंरा में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार की कैबिनेट ने पयर्टन को उद्योग का दर्जा देने के फैसले पर मुहर लगा दी। 

यह पहला मौका था जब टिहरी में उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। टिहरी झील में तैरते हुए रेस्तंरा में प्रदेश के विकास को लेकर योजनाओं पर चर्चा हुई।। बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बैठक में सूक्ष्म लघु उद्योग और मध्यम उद्योगों को पर्यटन उद्योग का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित किया गया।

उंन्होने कहा कि आयुर्वेद, योगा, होम्योपैथी, साहसिक पर्यटन, ग्लाइडिंग, वाटर खेल, राफ्टिंग को भी पयर्टन उद्योग में शामिल किया गया है और इन सब को  पर्यटन उद्योग का दर्जा देने पर मुहर लगाई गई। इसके अंतर्गत सारी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

कैबिनेट बैठक में पयर्टन के अलावा राज्य कर्मचारियों, चिकित्सा सहित अन्य मुद्दे भी उठे। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि अभी थराली उपचुनाव की वजह से आचार सहिंता के चलते कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनका खुलासा नही किया जा सकता है।

टिहरी झील में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक करने के पीछे सरकार का मकसद टिहरी और झील को पयर्टन के नक्शे पर स्थान दिलाकर दुनिया भर के पयर्टकों को आकर्षित करना है। सरकार चाहती है कि देश दुनिया के पयर्टक यंहा आये। सरकार का मानना है कि टिहरी झील किसी परिचय की मोहताज नहीं है, लेकिन पर्यटन मानचित्र पर अभी इसे स्थान दिलाना बाकी है। इसके लिए खास प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि टिहरी राज्य का भविष्य है और यंहा पयर्टन की अपार संभावनाएं है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि टिहरी झील में कैबिनेट उत्तराखंड और टिहरी के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। टिहरी को एक नई पहचान मिलेगी। कहा कि टिहरी झील के पास पूरे विश्व के पर्यटन खींचने की ताकत है और अब यहां पर पर्यटन विकास के लिए कार्य किया जाएगा।

मन्द्रिमण्डल की बैठक में लिए गए ये है महत्वपूर्ण फैसले–

1. इस वर्ष को रोजगार वर्ष के रूप मनाया जायेगा। 

2. प्रत्येक जनपद में 13 नये पर्यटक स्थल घोषित- अल्मोड़ा-धार्मिक पर्यटन के रूप में सूर्य मन्दिर। नैनीताल-हिमालय दर्शन के रूप में मुक्तेश्वर मन्दिर। पौड़ी-वाटर स्पोर्ट के रूप में सतपुली, खैरगढ़। चमोली-भराड़ी सैण, गैरसैंण। देहरादून-महाभारत सर्किट, लाखामण्डल। हरिद्वार-पावन शान्ति पीठ। उत्तरकाशी-हैरिटेज रूप में मोरी, हरकी दून। टिहरी-टिहरी झील। रूद्रप्रयाग- चिरबिटिया। ऊधमसिंह नगर-गुलभोज। बागेश्वर-गरूड़ वैली। चम्पावत- देवीधूरा पीठ। पिथौरागढ़-मोस्टमानु ईको टूरिज्म के रूप में। 

3. पण्डित दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 50 लाख का फण्ड बनाकर तलाक शुदा/परित्याक्ता/एकल महिला के अतिरिक्त किन्नर को सुरक्ष प्रदान करने के लिए 1 प्रतिशत की दर से 1 लाख का सहकारिता लोन। 

4. एस0सी0/एस0टी0/ओ0बी0सी0, आरक्षण गणना 1.5 के ऊपर होने पर संख्या 2 मानी जायेगी। 

5. उत्तराखण्ड राज्य अधीन वैयक्तिक सहायक पदोन्नत पदोन्नती नियमावली। 

6. अधीनस्थ सेवा सीधी भर्ती वैयक्तिक सेवा नियमावली। 

7. भारतीय चिकित्सा परिषद के उत्तराखण्ड में 7 को बढ़ाकर 15 किया गया। 

8. मण्डी के माध्यम से फीस छूट को मेथा प्रजाति के पदार्थ को बाहर किया गया। ऐसा दुरूपयोग रोकने के लिए किया गया। 

9. वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें कायाकल्पिंग फ्लोटिंग होटल निर्माण आदि को शामिल किया गया। 

10. मेगा इन्वेस्टमेंट इण्डस्ट्री नीति 2015 में संशोधन कर सूची बढाया गया। 

11. रूद्रप्रयाग में वेला कोटेश्वर में ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य जगदगुरू धर्मार्थ चिकित्सालय का संचालन सरकार करेगी। 

12. सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग क्रय-विक्रय नियमावली में संशोधन पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने हेतु संशोधन किया गया। 

13. एक बिन्दु को चुनाव आचार सहित के कारण घोषित नही किया गया। 

अपनी ऐतिहासिक संस्कृति,परम्परा और सभ्यता के कारण गढ़वाल क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाला टिहरी जिला अब उत्तराखंड की राजनीति में अलग पहचान बनाने जा रहा है। टिहरी की पहचान अब टिहरी डैम और उसकी 42 किलोमीटर लंबी झील से है। यह झील अब वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का हब बनने जा रही है। दूर दराज से वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन टिहरी का रुख कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की उम्मीद है कि इससे टिहरी झील को पर्यटन की दृष्टि से भी अलग पहचान मिलेगी और उत्तराखंड की राजनीति में भी यह निर्णय एतिहासिक होगा।

टिहरी झील के तैरते हुए रेस्तरां की क्षमता 80 लोगो की है मगर सुरक्षा की दृष्टि से इसमें केवल 25 लोग ही बैठक के वक्त सवार थे। टिहरी झील में बार्ज बोट और कुछ अन्य नावें भी फ्लोटिंग मरीना के साथ-साथ चल रही थी।

बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने किया टिहरी झील का निरीक्षण

केबिनेट बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिहरी लेक फेस्टिवल की तैयारियों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र कैबिनेट की मीटिंग के लिए टिहरी पहुँचे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी लेक फेस्टिवल का राष्ट्रीय स्तर के साथ ही विदेशी पर्यटकों के मध्य भी प्रचार किया जाय। टिहरी को इंटरनेशनल स्तर का टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाना है। बाहर से सैलानियों को आकर्षित किया जाएगा।उन्होंने बोट के द्वारा टिहरी झील में लगभग 30 मिनट निरीक्षण किया। उन्होंने झील और आसपास के क्षेत्र को पर्यटन विभाग की शीर्ष प्राथमिकता वाली योजनाओं में रखने का निर्देश भी दिया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर डीएम टिहरी श्रीमती सोनिका ने लेक फेस्टिवल की तैयारियों को लेकर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया। यह फेस्टिवल 25 से 27 मई तक आयोजित किया जाएगा। फेस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साहसिक खेल गतिविधियों तथा योग-ध्यान के कई आयोजन भी होंगे। फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण झील की फ्लोटिंग हट्स भी होंगे, जिनकी बुकिंग गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा की जा रही ।

Front Page Bureau

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