भोले जी महाराज और माता मंगला के सानिध्य में जनकल्याण सत्संग समारोह का शुभारंभ

हरिद्वार। द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत एवं आध्यात्मिक गुरु श्री भोले जी महाराज के सानिध्य में हंस ज्योति, ए यूनिट आफ हंस कल्चरल सेंटर द्वारा ऋषिकुल कालेज के मैदान में वैदिक परम्परा के अनुसार जनकल्याण सत्संग समारोह का शुभारम्भ किया गया‌। हंस ज्योति, ए यूनिट आप हंस कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका, कनाडा तथा नेपाल आदि देशों से भारी संख्या में श्रद्धालु-भक्त शामिल हुए। पतित पावनी मां गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु-भक्तों ने सत्संग, ज्ञान और भक्ति की गंगा में गोता लगाया।

श्री भोले जी महाराज एवं माता श्री मंगला जी के सम्मान में ऋषिकुल संस्कृत विद्यापीठ के छात्रों ने मंगलाचरण किया तथा आसाम से आये कलाकारों ने असम का प्रसिद्ध बिहु नृत्य एवं लोकगीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। मुम्बई से पधारे प्रसिद्ध भजन गायक श्री सुरेश वाडेकर ने–श्री गणेश वंदना से–ओम गणपतये नमो नमः, सिद्धि विनायक नमो नमः से अपने भजनों की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने श्री हंस जी महाराज की महिमा से जुड़ा भजन— श्री हंस जी के नाम का तुम ले लो सहारा, लेके पूजा की थाली, जोत मन की जगाली, तेरी आरती उतारूं भोलेनाथ,शिव-शिव रट ले बन्दे, जीवन है ये है थोड़ा, राम तेरी गंगा मैली हो गई, अब इस दिल में क्या रखा है, माता जी का नाम, भोले जी का नाम छिपा रखा है, इतनी शक्ति हमें देना दाता,मन का विश्वास कमजोर हो ना तथा राम नाम तू में ले प्यार आदि भजनों की प्रस्तुति कर श्रद्धालुओं को भक्ति, प्रेम और आनंद के रस से सराबोर कर दिया।

आध्यात्मिक विभूति माता श्री मंगला जी ने योगीराज श्री हंस जी महाराज को श्रद्धा पूर्वक नमन करते हुए कहा कि आज उनकी पावन जयंती के उपलक्ष्य में तीर्थनगरी हरिद्वार में जनकल्याण सत्संग समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो दुनिया में प्रतिदिन हजारों लोग जन्म लेते हैं लेकिन जयंतियां केवल उन्हीं महापुरूषों की मनाई जाती हैं जिन्होंने स्वयं भी अध्यात्म ज्ञान की अनुभूति की और उस ज्ञान के प्रकाश से दूसरे लोगों के जीवन को भी प्रकाशित किया। उन्होंने कहा कि श्री हंस जी महाराज अपने समय के ऐसे ही महापुरुष थे जिन्होंने सत्संग और अध्यात्म ज्ञान के माध्यम से देश-विदेश में फैले करोड़ों लोगों के हृदय में राष्ट्रप्रेम, मानवीय एकता, शांति, सद्भाव, परोपकार और मानव सेवा की भावना का संचार किया।

 

इस मौके पर श्री भोले जी महाराज और माता श्री मंगला जी ने श्री हंस जी महाराज के प्रवचनों पर आधारित पुस्तक–ऋते ज्ञानान्न मुक्ति, ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं–का विमोचन किया।

समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आये संत-महात्माओं ने भी सत्स़ंग विचारों से लाभान्वित किया।

Front Page Bureau

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