हरिद्वार ,
छह साल की बालिका के साथ बलात्कार के आरोप में हरिद्वार के विशेष न्यायाधीश पोस्को की अदालत ने बलात्कारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी ने साल 2016 में 6 साल की मासूम को अपनी हवस का उस वक्त शिकार बनाया था जब वो अपने मामा को खाना देने गयी थी। अभियुक्त को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/ अपर सत्र न्यायाधीश अर्चना सागर ने आजीवन कारावास के साथ ही 20 हजार के जुर्माने की सजा भी सुनाई है
शासकीय अधिवक्ता कुशल पाल सिंह चौहान एवं आदेश चौहान ने बताया कि 16 दिसंबर 2016 को 6 वर्षीय बालिका दोपहर को करीब 1बजे अपने मामा की पंतजलि योग पीठ के निकट स्थित ठेली पर खाना देने गई थी। ठेली पर भीड़ होने के कारण बालिका के मामा ने पंतजलि में पेंट करने वाले तजम्मुल पुत्र अफसर अली निवासी ढंडेरा, रुड़की हरिद्वार को अपनी भांजी को उसके घर शांतरशाह छोड़ने को कहा। तजम्मुल बालिका को छोड़ने उसके घर ले गया। उसके करीब एक घंटे बाद वापस लौटकर तजम्मुल ने बालिका के मामा को बताया की वह उसे घर छोड़ आया है। मगर थोड़ी देर बाद ही उसकी बहन ने फोन करके उसे बताया था कि जिस लड़के को उसने बालिका को घर भेजने को कहा था वह रास्ते में ही उसे छोड़ कर भाग गया था और उसके बाद बालिका रोते हुए घर आई थी। घर आकर बालिका ने अपने साथ गए वारदात की पूरी बात अपनी माँ को बताई। उसके बाद पीड़ित बालिका की मां उसे लेकर अपने भाई के पास ठेली पर आई। थैली पर आकर पीड़िता की माँ ने अपने भाई को पूरी घटना बताई। तब दोनों पीड़िता को लेकर जब पतंजलि में तजम्मुल के पास गए तो पीड़िता ने से पहचानते हुए कहा की इसने ही उसके साथ बुरा काम किया है।
इसके बाद घटना के संबंध में पीड़ित बालिका के मामा ने बहादराबाद थाने पर आरोपी तजम्मुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था । बालिका ने अपने बयानों में आरोपी तजम्मुल पर दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाया था। करीब डेढ़ साल चले मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से 8 गवाहों के बयान कोर्ट ने दर्ज किये थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने तजम्मुल को बालिका केे साथ दुष्कर्म किए जाने का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 20 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है।