धर्मनगरी हरिद्वार के ज्वालापुर में एक पति ही बन गया हैवान। दिल दहला देने वाली घटना में पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या से ज्वालापुर इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस के अनुसार ज्वालापुर के अम्बेडकर नगर में अरुण यादव नाम के युवक ने बेलन से पत्नी के सर पर कई वार करके उसे मार डाला। बताया जा रहा है कि अरुण के सिर पर तो जैसे खून सवार हो गया था और वह तब तक अपनी पत्नी के सिर पर बेलन से मारता रहा जब की वो मर नही गई। नेहा की हत्या के पीछे गृह क्लेश जैसी मामूली सी वजह बताई जा रही है। मृतका नेहा यादव 25 वर्ष की थी। अरुण कोटराबान मोहल्ले के रहने वाला था और फिलहाल अम्बेडकर नगर में रह रहा था। करीब 3 साल पहले ही इन दोनों ने प्रेम विवाह किया था।
ग्रह कलेश से गुस्साए पति ने करी पत्नी की बेलन मारकर हत्या, इलाके में सनसनी
उदित बाटला, हरिद्वार।
सीओ ज्वालापुर रचिता जुयाल ने बताया कि मृतका नेहा पिछले कई दिनों से परेशान चल रही थी। पति और पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। पति को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है।
बताया जा रहा है कि आज शाम दोनों के बीच किसी बात को लेकर तकरार हुई थी उसके बाद रात को करीब साढ़े नौ बजे भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इस झगड़े में अरुण ने गुस्से में बेलन से ही नेहा को मारना शुरू दिया और उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए। जब अरुण ने नेहा के सिर पर बेलन से वार किए तो नेहा की चीख पुकार सुनकर उसकी माँ भी वंहा आई मगर अरुण नेहा को मारता रहा। जिससे नेहा की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने पति द्वारा ही नेहा की हत्या किए जाने की अभी वजह नही बताई है। सीओ रचिता का कहना है कि हत्या की सही वजह का पता अरुण से पूछताछ के बाद ही लग सकेगा। प्रथम दृष्टया दोनों के बीच आपसी तकरार और गृह क्लेश हत्या की मामूली सी वजह बन गया।
अम्बेडकर नगर के जिस मकान में ये दिल दहला देने वाली वारदात हुई उसके मालिक अरुण शर्मा का कहना है कि अरुण यादव ने उन्हें आकर ये बताया कि उसकी पत्नी की किसी ने हत्या कर दी है। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी। ये दंपत्ति कुछ माह पूर्व ही उनके मकान में किराए पर रहने के लिए आये थे। घटना से जहां इलाके में लोग सकते में है वहीं लड़की के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। बिना मां की मृतका को उसके पिता ने बड़े लाड से पाला था आज पिता के मुंह से सिर्फ यही निकल रहा था कि काश वो इस शादी को होने ही न देता।