निर्मल संतपुरा कनखल में नव संवत्सर के अवसर पर गुरु ग्रंथ साहिब जी का शब्द कीर्तन संपन्न, गुरु के बिना किसी की सद्गति नहीं संत बाबा जगजीत सिंह शास्त्री

हरिद्वार 2 अप्रैल। नव संवत्सर के अवसर पर श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का अखंड पाठ किया गया साथ ही महान संत समागम और कीर्तन दरबार का आयोजन हुआ और अटूट लंगर के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई कार्यक्रम में बड़ी तादाद में साधु-संतों और सिख संगत ने भाग लिया समारोह की अध्यक्षता श्री निर्मल संत पुरा आश्रम के परमाध्यक्ष संत बाबा महंत जगजीत सिंह शास्त्री महाराज ने की।

इस अवसर पर संत बाबा जगजीत सिंह शास्त्री ने बताया कि नव संवत्सर के अवसर पर आश्रम में गुरु ग्रंथ साहिब जी के 108 पाठ की 67वीं लड़ी का शुभारंभ किया गया जो पिछले कई सालों से लगातार जारी है और इस अवसर पर गुरुजन संत बाबा श्री हरनाम सिंह जी, संत बाबा हीरा सिंह जी, महामंडलेश्वर संत श्री रघुवीर सिंह जी, संत बाबा महंत महेंद्र सिंह जी का भावपूर्ण स्मरण किया गया उन्होंने कहा कि संतों और गुरु के बिना किसी की सद्गति नहीं होती गुरुजी गोविंद के पास जाने का रास्ता बताते हैं इसलिए गुरु का सम्मान करना चाहिए।

आश्रम में आयोजित 14 वें कीर्तन दरबार में हरिद्वार के कथा वाचक महंत हरपाल सिंह दास और संत मोहन सिंह ने शब्द कीर्तन का गायन किया शास्त्रीय गायन में शब्द कीर्तन ने सबका मन मोह लिया गाजियाबाद से आए भाई इष्ट दीप सिंह,बीबी अवनीत कौर साहिबा, संत रणजीत सिंह, संत जसविंदर सिंह ,भाई हरजिंदर सिंह जालंधर वाले ने शब्द कीर्तन का भावपूर्ण गायन किया निर्मल सतपुरा के आरती जत्था एवं स्त्री सत्संग जत्था ने भी शब्द कीर्तन सुनाएं इस अवसर पर बाबा मोहन सिंह, संत मनजीत सिंह, संत बाबा महंत जगजीत सिंह शास्त्री, ज्ञानी ग्रंथी इंद्रजीत सिंह ,संत बलजिंदर सिंह, चेतन शर्मा ,अमरजीत सिंह आदि ने भाग लिया

Front Page Bureau

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