खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, नहीं पंहुचे प्रधानमंत्री मोदी, तो सीएम रावत भी रहे नदारद

अपने भक्तों को साक्षात् दर्शन देने के लिए धरती पर आ गए है भगवान् शिव। केदारनाथ धाम में आज रविवार 29 अप्रैल सुबह 6:15 बजे मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर वँहा का नजारा अदभुत था और पूरी केदारघाटी भगवान शिव के जयकारो से गूंज रही थी। इस मौके पर लगा ही नहीं की बीते कुछ साल पहले यहाँ आपदा आई थी।
मंदिर के कपाट खुलने पर सबसे पहले प्रदेश के राज्यपाल कृष्ण कान्त पॉल ने दर्शन किये। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कपाट खुलने पर केदार बाबा के दर्शन करने आने का कार्यक्रम था। मगर उनका प्रोग्राम निरस्त होने के बाद राज्यपाल इस मौके पर पंहुचे थे।
केदारनाथ के कपाट खुलने के मौके पर ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य सरकार का कोई मंत्री और मुख्यमंत्री इस खास मौके पर केदारनाथ नहीं पहुंचा। वो अलग बात है राज्यपाल के के पाल और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कपाट उत्सव में प्रतिभाग किया। यह वही सरकार है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे के वक्त पूरी कैबिनेट उनके स्वागत के लिए केदारनाथ में पहुंची हुई थी लेकिन आज जब बाबा केदार के कपाट खुल रहे थे तो राज्य  सरकार का कोई भी नुमाइंदा वहां पर मौजूद नहीं था।
उत्तराखंड और खासकर केदारनाथ से प्रधानमंत्री मोदी का प्रेम और आस्था जगजाहिर है. प्रधानमंत्री बनने से पहले आपदा के वक्त भी मोदी बाबा केदार के दर्शन करने आये थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वो बाबा के दर्शन करने आते रहे है। इस बार भी केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर मोदी को पंहुचना था यही नहीं उनके साथ एक दर्जन से ज्यादा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने की बात भी कही जा रही थी मगर जब मोदी का प्रोग्रमम ही निरस्त हो गया तो अन्य भाजपा शासित राज्यों के तो छोडो खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी इस मौके पर जाना मुनासिब नहीं समझा। सबसे आश्चर्य की बात तो ये है की मुख्यमंत्री खुद नहीं आये और न ही उनकी सरकार का कोई नुमाइंदा , मंत्री वंहा पंहुचा. 
बीते कई सालों से ऐसा होता रहा है कि जब-जब बाबा केदार के बद्रीनाथ के कपाट खुले हैं तो राज्य सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने वहां पहुंचकर जनता को बाबा केदार और बद्रीनाथ में आमंत्रित किया है आपदा के बाद से तो केदारनाथ के कपाट उत्सव के दौरान जाना सरकार के लिए जरूरी सा हो गया है। लेकिन इस बार त्रिवेंद्र सरकार के एक भी मंत्री का केदारनाथ ना पहुंचना कई सवाल खड़े कर रहा है जबकि पर्यटन ओर उत्तराखंड की आर्थिक दृष्टि से बाबा केदार का धाम बेहद अहम् होता है। इतना ही नहीं राज्य सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री बीते कई महीनों से इस यात्रा को सफल बनाने के लिए बड़े प्रयास कर रहे थे लेकिन खास मौके पर सरकार का वहां ना मौजूद होना यह दर्शा रहा है कि सरकार में अंदरखाने कुछ ठीक नहीं चल रहा।
पिछले 15  दिनों से अधिक से कपाट खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ पंहुचने का जमकर प्रचार किया जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंच रहे हैं और तमाम मंत्री और सरकार वहां पर मौजूद रहेगी।  तो क्या यह माना जाए कि बाबा केदार का धाम मंत्रियों और मुख्यमंत्री के लिए तभी तक जरूरी है कि जब पीएम इस यात्रा पर आए हालांकि सीएम की तबियत खराब होने की वजह से वो कपाट खुलने की वजह से वहां नही जा पाए पर कम से कम राज्य सरकार के पयर्टन मंत्री के साथ और मंत्री भी इस मौके पर वँहा पंहुच सकते थे।
Front Page Bureau

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