SUPER EXCLUSIVE-चालाक चीन को बाबा रामदेव कराएंगे कपालभाति, बालकृष्ण देशी चूर्ण चटनी से सुधारेंगे चीनियों की सेहत
संजय आर्य ,
हरिद्वार
पूरी दुनिया को अपनी अंगुलियों पर नचाने की हसरत जिसके दिलो दिमाग मे नशे की तरह छाई हुई हो, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी महाशक्ति हो, यही नही जो आज दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति भी हो, जिसके सुई से लेकर हवाई जहाज तक जैसे उत्पाद दुनिया भर में इस्तेमाल किये जा रहे हो ओर जिसने आजतक कभी किसी के सामने घुटने नही टेके हों वही चीन आज भारत की भगवा ओर श्वेत वस्त्रधारियों की जोड़ी योग गुरु बाबा रामदेव ओर आयुर्ववेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण के आगे नतमस्तक हो रहा है। अपनी चालक चालों से बार बार सीमा पर संकट खड़ा करने वाला चीन जल्द ही बाबा रामदेव का अनुलोम विलोम ओर कपालभाति करते हुए नजर आएगा।
चीन चाहता है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ये जोड़ी भारत के योग और आयुर्वेद की भारतीय विधा से चीन की बूढ़ी होती आबादी को भी फिर से जवान बना दे। इसके लिए चीन अपने देश मे हर शहर ओर कस्बे में पतंजलि योग पीठ की स्थापना करना चाहता है ताकि चीन की बढ़ती उम्र के लोगो के साथ चीनी नागरिकों को योग और आयुर्वेद का लाभ मिल सके।
पिछले कुछ सालों में चीन के उत्पादों ने भारत के बाजार में कब्जा जमा रखा है और समय समय पर चीनी सामानों के बहिष्कार की आवाज भी बुलंद होती रही है। इसके बाद भी देश मे चीनी उत्पादों की खपत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। स्वदेशी के मुद्दे पर मुखर रहे योग गुरु बाबा रामदेव भी चीन के सामान के बहिष्कार की बात करते रहे है। बावजूद इसके चीन उन्ही बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का मुरीद है जिनकी जोड़ी ने दुनिआ भर में योग और आयुर्वेद का डंका बजा रखा है. चीन बाबा ओर आचार्य के योग और आयुर्वेद को अपनाने को आतुर दिख रहा है।
पतंजलि योग पीठ के महामंत्री आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण ने आज फ्रंट पेज न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा चीन चाहता है कि हम उनके देश मे बड़े पैमाने पर पतंजलि योग पीठ की स्थापना करें ताकि योग और आयुर्वेद का लाभ वंहा के लोगो को मिल सके। बालकृष्ण कहते है कि चीन में बढ़ती आबादी के साथ ही बड़ी संख्या में बूढ़ों की संख्या बढ़ रही है जिनमे सबसे बड़ी समस्या उनके स्वास्थ्य को लेकर है। इससे चिंतित चीन ने इस पर लंबा रिसर्च किया और ये पाया कि योग और आयुर्वेद से ही इस समस्या से निजात पाई जा सकती है. इसलिए अपने देश मे भी योग और आयुर्वेद को विस्तार दिया जाए। योग और आयुर्वेद ही चीन की समय से पहले बूढ़ीहोती जा रही पीढ़ी को फिर से जवान बना सकता है। यही नही योग और आयुर्वेद से ही लगातार घटजी जा रही चीनीओं की औसत उम्र को भी बढ़ाया जा सकता है।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि चीन से आये लोगो से हुइ बातचीत में उनकी यह चिंता साफ झलक रही थी। चीन के लोगो का कहना है कि वंहा के लोगो के पास पैसा तो बहुत है मगर पैसा होने के बाद भी वो स्वास्थ्य नही खरीद पा रहे है। इसकी वजह से बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही सोचकर चीन ने इसके लिए हमसे संपर्क किया। आचार्य ने बताया कि आज चीन का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल पतंजलि में उनसे ओर बाबा जी से पतंजलि योग पीठ के चीन में विस्तार के सिलसिले में बातचीत करने आया है। इस प्रतिनिधिमंडल में चीन के कई बड़े उद्योगपति भी शामिल है। उंन्होने बताया कि अभी बातचीत शुरुआती दौर में है और हम उनके इस प्रस्ताव पर गंभीरता के साथ विचार कर रहे है। बालकृष्ण का कहना है कि बातचीत सकारात्मक है और अगर ये योजना सिरे चढ़ी तो जल्द ही चीन के हर शहर कस्बे में पतंजलि योग पीठ की स्थापना होगी और भारतीय सीमाओं पर बार बार संकट खड़ा करने वाला ड्रेगन बाबा रामदेव का अनुलोम विलोम ओर कपालभाति करते हुए पूरे चीन में नजर आएगा।