पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दामो से मचा हुआ है हाहाकार, क्या सरकार तब उठाएगी कदम जब पेट्रोल हो जाएगा 100 के पार?

दिल्ली

लगातार 11वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी का रुख रहा। पेट्रोल और डीजल की कीमतें कुलांचे भर कर आसमान की ओर  जा रही है। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने लोगों के होश उड़ा रखे हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों से लोगो की समस्याएं बढ़ती जा रही है।हालांकि सरकार इनकी कीमतों पर नियंत्रण को लेकर जल्द ही कोई कदम उठाने के संकेत दे रही है मगर अभी तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें लोगो को खून के आंसू रुला रही है।

दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 77 रुपये 47 पैसे पंहुच गई जबकि डीजल की कीमत 68 रुपये 53 पैसे हो गई। जबकि मुम्बई में सबसे ज्यादा पेट्रोल 85 रुपये 29 पैसे और डीजल 72 रुपये 96 पैसे रही। हरिद्वार में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज भी बढ़ोतरी देखी गई। देहरादून/हरिद्वार में पेट्रोल आज 78 रुपये 14 पैसे और डीजल 68 रुपये 44 पैसे रहा। तेल कंपनियां कर्नाटक चुनाव के बाद 14 तारीख से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। कर्नाटक चुनाव की वजह से सरकार के निर्देश पर तेल कंपनियों ने रोजाना कीमत तय करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी जो चुनाव खत्म होते ही 19 दिन बाद 14 मई से हटा ली गई थी। इसके बाद से ही तेल कंपनियां 19 दिन का घाटा पूरा करने के लिए रोजाना दाम बढ़ रही है।
HARINDRA KUMAR GARG,PRESIDENT SIDCUL MANUFACTURERS ASSOCIATION
      पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर उद्योग जगत पर भी पड़ रहा है। सबसे ज्यादा असर प्लास्टिक और केमिकल इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने से दाम लगातार महंगे हो रहे है और पैकेजिंग उद्योग में काम आने वाले कच्चे माल के दाम बढ़ाने का असर हर तरह के उद्योगों पर दिख रहा है। पेट्रोल खासकर डीजल के दामो में हो रही अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने उधोग जगत की चिंता बढ़ दी है। हरिद्वार के ओद्योगिक क्षेत्र सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग का कहना है कि डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से ट्रांस्पोर्टेसन की लागत 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ गई है जिसकी हर चीज के दाम बढ़ रहे है। हरेंद्र गर्ग का कहना है कि ट्रांस्पोर्टेसन में लगभग 50 प्रतिशत लागत डीजल की होती है। उनका कहना है कि इसके अलावा पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने से लोकल खर्च भी बढ़ गए है।
उनका कहना है कि पेट्रोल डीजल के दामो में कमी लाने के लिए सरकार को जल्द ही ठोस कदम उठाने चाहिए। उनका कहना है कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से असर जरूर पड़ेगा मगर दाम कम करने का केवल एकमात्र उपाय यही नही है। उनका कहना है कि जीएसटी की व्यवस्था पहले ही काफी कमजोर है।
 पेट्रोल और डीजल के दामो से केंद्र सरकार भी लोगो की बढ़ती नाराजगी से चिंतित तो है मगर सरकार ने फिलहाल फिलहाल डीजल और पेट्रोल पर ड्यूटी कम नही करने के संकेत दिए है। वहीं दूसरी तरफ पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मिडिल क्लास को भरोसा दिया है की ऐसे लेकर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी।
PETROLIUM MINISTER DHARMENDRA PRADHAN
प्रधान ने कहा कि OPEC देशों में तेल के कम उत्पादन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि देश के लोगों को और मुख्यतः मध्यम वर्ग के लोगों पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों को बुरा असर पड़ा है। भारत सरकार इसका हल निकालने के लिए जल्द ही कठोर कदम उठाएगी।’
गौरतलब है कि बीते करीब तीन दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई। एक अमेरिकी बैंक ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि अगले साल तक यह कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। तेल की बढ़ती कीमतों के बीच अक्सर विपक्ष और जनता की ओर से सरकार से एक्साइज और कस्टम ड्यूटी कम किए जाने की मांग की जाती रही है।
गौरतलब है कि तेल कंपनियों की ओर से सुबह 6 बजे जारी रेट लिस्ट के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत आज 77.47 रुपये का हो गया, जबकि डीजल भी अब तक के अपने इतिहास में सबसे महंगा होते हुए 68.53 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। बीते करीब 4 सप्ताह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों के बढ़ने से पेट्रोल और डीजल की महंगाई बढ़ रही है। स्थानीय सेल्स टैक्स और वैट के अनुसार हर राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमत अलग-अलग होती है। देश के सभी प्रदेशों की राजधानियों और मेट्रो शहरों की तुलना में दिल्ली में यह कीमतें फिर भी सबसे कम हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक 85.29 रुपये लीटर है
दिल्ली में इससे पहले 14 सितंबर 2013 को पेट्रोल का दाम 76 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंचा था। लेकिन उस दौरान इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 108-115 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में थीं। जबकि आज यह कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी आग से सरकार पर दबाव बढ़ा है।सरकार जल्द ही दो तीन दिन में कोई कदम उठा सकती है।  हालांकि यह अभी साफ नही है कि इस दिशा में सरकार क्या कदम उठाने जा रही है। जून 2010 में सरकार ने पेट्रोल और अक्टूबर 2014 में डीजल की कीमतों को नियंत्रण से मुक्त कर दिया था। सरकार अब केवल एलपीजी और केरोसिन पर सब्सिडी देती है।

[highlight color=”red”]देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें[/highlight]

   शहर                        पेट्रोल            डीजल [divider style=”solid” top=”10″ bottom=”10″]
 दिल्ली                      77.47          68.53
 पटना                      82.94           73.22
 फरीदाबाद               78.24          69.66
 गुरुग्राम                   77.99          69.43
 नोएडा                    78.12           69.73
 गाजियाबाद             78.00          68.59
 भोपाल                    83.08          72.13
 चंडीगढ़                   74.51          66.55
 कोलकाता               80.12          71.08
 मुंबई                       85.29         72.96
 चेन्नई                       80.42         72.35
 बंगलुरु                    78.73         69.71
 डिब्रूगढ़                   79.90         71.75
 गोवा                       71.39         69.76
भारत के पड़ोसी देशों में अभी भी पेट्रोल और डीजल के दाम भारत से काफी कम है। श्रीलंका में पेट्रोल का दाम केवल 49 .60 रुपये है जबकि पाकिस्तान में 50.60 रुपये है।अन्य पड़ोसी देशों में भी भारत से दाम बहुत ज्यादा कम है। देखे पड़ोसी देशों में पेट्रोल और डीजल के दाम प्रति लीटर में —

नेपाल –             ₹66.6 – ₹54.7 
श्रीलंका –           ₹49.6 – ₹40.3
बांग्लादेश –        ₹68.4 – ₹51.7 
पाकिस्तान-        ₹50.6 – ₹57
भारत –              ₹85.29  – ₹72.96  (मुम्बई)

## इन सभी देशों की कीमतें भारतीय रुपये में दिखाई गई है। 

[highlight color=”red”]अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में तेजी[/highlight]

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है कच्चे तेल की हालिया तेजी के पीछे मुख्य वजह वेनेजुएला से कच्चे तेल की सप्लाई घटने की आशंका है। जानकारों का कहना है कि वेनेजुएला में राजनीतिक संकट से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं।  उधर ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भी कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ रहा है। तेल उत्पादक अरब देशों द्वारा तेल का उत्पादन घटा देने से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे है। जानकारों का कहना है कि बाजार में इस बात को लेकर डर है कि वेनेजुएला और ईरान से कच्चे तेल की सप्लाई घट सकती है। वेनेजुएला में राजनीतिक संकट बड़ा रूप ले सकता है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो फिर से सत्ता में लौट आए हैं। विपक्ष ने चुनाव को फर्जी और अवैध बताए जाने से वंहा राजनीतिक संकट गहरा सकता है। इसका सीधा असर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ना तय है।

[highlight color=”red”]THESE PRICES WERE TAKEN FROM THE OFFICIAL WEBSITE OF IOC ON 24 MAY 2018 (INDIAN OIL COMPANY)[/highlight]

 

 

Front Page Bureau

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