हरिद्वार। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई की प्रतिक्षा में सर्वानन्द घाट पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी व स्वामी अमृतानंद गिरी ने हिमाचल धर्म संसद के मुख्य आयोजक योगी ज्ञाननाथ के आदेश पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिये गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करने का संकल्प लिया। दोनों पैरों के दिव्यांग संत योगी ज्ञाननाथ महाराज व प्रज्ञाचक्षु संत स्वामी कृष्णानंद के नेतृत्व में 27 फरवरी 2022 विजया एकादशी से एक पदयात्रा सर्वानन्द घाट से गांधी की समाधि की ओर चलेगी। जिसमे केवल पांच संत होंगे। इस पदयात्रा में किसी भी कार्यकर्ता को सम्मिलित नहीं किया जाएगा क्योंकि अगर ज्यादा लोग यात्रा में सम्मिलित होंगे तो कहीं भी पुलिस जिहादियों से मिलकर राजनैतिक दवाब में पदयात्रियों पर कोई भी झूठा मुकदमा बना कर उनके लिये मुसीबत खड़ी कर सकती है।
गांधीवादी तरीको से ही करेंगे संघर्ष
सन्तो ने यह निर्णय लिया है कि अब गांधी की विचारधारा से गांधीवादी तरीको से ही संघर्ष करेंगे ताकि पुलिस प्रशासन को झूठे मुकदमे दर्ज करने का कोई अवसर न मिले। पदयात्रा के विषय मे यह तय किया गया कि 27 फरवरी को माँ बगलामुखी का यज्ञ करके 2 दिन तक पदयात्री हरिद्वार के सभी आश्रमो में जाएंगे और उसके बाद वो दिल्ली गाँधी की समाधि के लिये चल देंगे।
इस्लामिक जिहादियों के षड्यंत्र का शिकार
पदयात्रा के बारे मे बताते हुए योगी ज्ञाननाथ महाराज ने बताया कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी आज इस्लामिक जिहादियों के षड्यंत्र का शिकार हो गए हैं। हम उनकी रक्षा करने में सक्षम नहीं हैं पर उनके सम्मान के लिये लड़ते हुए मर तो सकते ही हैं और हम यही करने जा रहे हैं। हम उनकी रिहाई होने तक गाँधी की समाधि पर आमरण अनशन करेंगे ताकि दुनिया को हमारी दुर्गति का पता तो चले।
100 करोड़ हिंदू अपने ही देश में समुदाय विशेष से त्रस्त
इस अवसर पर स्वामी अमृतानंद ने कहा कि आज हिन्दुओ की इतनी दुर्गति हो चुकी है की प्रतिदिन कहीं ना कहीं किसी ना किसी हिन्दू की इस्लाम के जिहादी हत्या कर देते हैं और हिन्दू महिलाओं को लव जिहाद करके बर्बाद कर देते हैं। फिर भी भारत के तथाकथित बुद्धिजीवी हिन्दुओ को दोषी और इस्लाम के जिहादियों को मासूम घोषित कर देते हैं। आज स्थिति ये हो गयी है कि अगर मुस्लिम चोर भी कहीं मारा जाता है तो भारत का प्रधानमंत्री उसके लिये संसद में रोने लगते है और निर्दोष हिन्दुओ की हत्या पर कहीं कोई आवाज भी नहीं सुनाई देती। गाँधी की विचारधारा के कारण ही आज सौ करोड़ हिन्दुओ के पास अपना देश कहने के लिये एक इंच भी जगह नहीं है। आज हम गाँधी की विचारधारा से गांधी के तरीकों से ही संघर्ष करेगे ताकि पुलिस प्रशासन को हम पर इस्लाम के जिहादियों और नेताओं के दबाव में झूठे मुकदमों में फसाने का अवसर ना मिले।
पदयात्रा में यति रामानन्द सरस्वती व यति सत्यदेवानंद सरस्वती भी भाग लेंगे।