राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हरिद्वार में आयोजित नव चैतन्य समागम में आज सामाजिक एकता की अनूठी झलक दिखाई दी। समागम में आज जिले भर के हजारों स्वयं सेवक जुटे जिसमे समाज के हर वर्ग और जाति के लोग शामिल थे। समागम में आज संघ के नेताओं ने छुआछूत ओर भेदभाव को दूर कर समाज के निचले तबके के व्यक्ति को भी सम्मान देने की जरूरत बताई । समागम को संबोधित करते हुए संघ के सह सर कार्यवाह वी भागैया ने देश मे चल रहे हालातों पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज कुछ लोग निजी स्वार्थों के लिए समाज मे एक विचित्र तरह का वातावरण तैयार करने की कोशिश कर रहे है। उंन्होने दलितों को लेकर कहा कि समाज के एक वर्ग का व्यक्ति सम्मान चाहता है। संघ इसके लिए कटिवद्ध है। उंन्होने कहा कि सम्मान मिलता है तो सहभागिता मिलती है। भागैया ने कहा कि आचरण में परिवर्तन आना चाहिए तो समाज मे भी समरसता बढ़ेगी। उंन्होने कहा कि संघ में आने के बाद लगता है मैं हिन्दू हूँ। हिन्दू होने की भावना आती है। हिन्दू हमारी संस्कृति है और कोई भी हिंदू हो वो हमारे खून का रिश्तेदार है। सभी जाति के भाई आपस मे हिन्दू है। भागैया ने कहा कि हम सब एक ही भारत माता की संतान है, मगर कालचक्र की दूभर स्थिति की वजह से हम भाई भाई एक दूसरे से लड़ रहे है। उंन्होने कहा कि हमारे अंदर विविधता है। सृष्टि में विविधता है और विविधता में एकता ही हमारा धर्म है।
संघ विविधता में एकता का मंत्र है। जिस प्रकर अलग अलग तरह के फूलों की एक माला बनती है उसी प्रकार संघ अलग अलग जाति धर्मो में जन्म लेने वालों को एकता के सूत्र में पिरोता है। जन्म से कोई ऊच नीच नही होती है। हम सब एक अंश के रूप है। समाजिक सम्मान आज की बड़ी आवश्यकता है। उंन्होने कहा कि समाज के अंदर दो ही जाति है। छुआ छूत गलत है। धर्म ओर संविधान का विरोध करना गलत है। हमे छुआछूत की प्रवर्ति को उखाड़ फेकने के लिए मन मे परिवर्तन लाना चाहिए। अहंकार नही होना चाहिए। बाबा साहेब ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया, परंतु उन्होंने अत्याचार होने के बाबजूद भी अपना धर्म नही छोड़ा। उंन्होने कहा कि संघ समाज के हर तबके को सम्मान देने के लिए कटिबद्ध है।
समागम में मुख्य अथिति स्वामी विश्वेश्वरनंद जी ने कहा कि परमात्मा का कोई स्वरूप नही, हम पूरे जगत में उस परमात्मा को खोजते है। उस परमात्मा ने जिस सृष्टि का निर्माण किया है। इस परंपरा को चलाने के लिए भगवान ने समय समय पर अवतार लिए है। सनातन परंपरा को नष्ट समाप्त करने के लिए कई बार प्रयास हुए लेकिन सनातन परंपरा के रक्षकों ने इस परांपरा को बचाये व बनाये रखा।
समागम की अध्यक्षता करते हुए अविनाश ओहरी ने कहा कहा की कुटुम्भ प्रबोधन का उद्देश्य हर घर मे आत्मियता का बोध करना है। परिवार में आत्मीयता समाप्त होती जा रही है इसे बढ़ाना है। परिवार, गांव,समाज के प्रति उत्ताधिकार बनाना है। उंन्होने संघ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संघ समाज मे एकता , भाईचारा ओर प्रेम बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण काम कर रहा है। संघ जिस तरह से समाज के कमजोर वर्गों ओर आदिवासियों, वनवासियों के बीच रहकर उनके सामाजिक उत्थान के लिए काम करता है वैसा उदाहरण दुनिया मे दूसरा नही मिलता है।
भल्ला कॉलेज के स्टेडियम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा आयोजित नव चैतन्य समागम की शुरुआत ” नवचैतन्य हिलोरें लेता, जाग उठी है तरुणाई” गीत से हुआ। कार्यक्रम में सभी स्वयं सेवकों ने सामूहिक योग प्रदर्शन किया।
समागम में मंच पर प्रान्त संघ संचालक गजेंद्र सिंह, प्रांत प्रचारक युद्ववीर जी, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, मेयर मनोज गर्ग , विधायक संजय गुप्ता, आदेश चौहान, स्वामी यतीश्वरानंद, भाजपा जिलाध्यक्ष जय पाल सिंह चौहान, प्रान्त कार्यवाह देवेंद्र सेमवाल, प्रांत सह कार्यवाह देवेंद्रजी, सह कार्यवाह अनिल मित्तल, सह व्यवस्था प्रमुख नीरज मित्तल, प्रांत प्रचार प्रमुख किसलय सैनी, प्रांत भोज प्रमुख योगेश्वर जी, प्रान्त सह प्रचारक दिनेश जी, विभाग प्रचारक शरद जी, जिला संघ संचालक कुँवर रोहिताश, जिला कार्यवाह अंकित जी ,सह जिला कार्यवाह प्रियबन्धु जी, जिला प्रचार प्रमुख अजय शर्मा ,जिला व्यवस्था प्रमुख अनिल गुप्ता ,जिला बौद्धिक प्रमुख दीपक भारती,नगर संघ संचालक नरेन्द्र पाल जी ,नगर कार्यवाह गुरमीत सिंह, नगर सम्पर्क प्रमुख अमित शर्मा आदि मुख्य रूप से शामिल थे।