हरिद्वार,
भाजपा के चाणक्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने संपर्क फ़ॉर समर्थन अभियान के दूसरे चरण में आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं। देहरादून जाने से पहले शाह ने हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध दो बड़ी धार्मिक आध्यात्मिक संस्थाओ के प्रमुखों से भेंट की। संपर्क फ़ॉर समर्थन अभियान के तहत अमित शाह पहले आध्यात्मिक संस्था शांति कुंज पंहुचे। अमित शाह के साथ राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अजय भट्ट और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी थे। शांतिकुंज पंहुचने पर उनका परंपरागत रूप से स्वागत किया गया। उन्होंने शांतिकुंज के संस्थापक स्वर्गीय पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य उनकी पत्नी की समाधि पर पुष्प अर्पित किये।
भाजपा के चाणक्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने संपर्क फ़ॉर समर्थन अभियान के दूसरे चरण में आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं। देहरादून जाने से पहले शाह ने हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध दो बड़ी धार्मिक आध्यात्मिक संस्थाओ के प्रमुखों से भेंट की। संपर्क फ़ॉर समर्थन अभियान के तहत अमित शाह पहले आध्यात्मिक संस्था शांति कुंज पंहुचे। अमित शाह के साथ राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अजय भट्ट और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी थे। शांतिकुंज पंहुचने पर उनका परंपरागत रूप से स्वागत किया गया। उन्होंने शांतिकुंज के संस्थापक स्वर्गीय पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य उनकी पत्नी की समाधि पर पुष्प अर्पित किये।
शाह ने शांतिकुंज के प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंड्या , उनकी पत्नी शैल बाला पंड्या, उनके पुत्र चिन्मय पंड्या से मुलाकात की। यब मुलाकात करीब आधा घंटे तक चली।
उन्होंने डॉ पंडया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के चार सालों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी और उन्हें मोदी सरकार की उपलब्धियों वाली पत्रिका भेंट की। शाह ने डॉक्टर पंड्या से 2019 चुनाव के लिए समर्थन मांगा। हालांकि प्रणव पंड्या ने 2019 चुनाव के लिए समर्थन देने का कोई भरोसा अमित शाह को नही दिया।
प्रणव पंड्या ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अमित शाह से उनकी मुलाकात शिष्टाचार भेंट थी। उंन्होने कहा कि मोदी जी ने विदेश नीति पर तो बहुत ध्यान दिया मगर देश नीति बनाने पर उतना ध्यान नही दे पाए। उंन्होने कहा कि देश के लिए जितना काम उन्हें करना चाहिए था वो नही कर पाये, अब उनके काम का आकलन जनता ने करना है वो हमारा काम नही है। उंन्होने अमित शाह के सामने नमामि गंगे परियोजना और स्वच्छता अभियान को लेकर भी सवाल उठाए।उंन्होने अमित शाह से कहा कि हम अकेले अपने कार्यकर्ताओं के बल पर सन 2026 तक गंगा साफ कर देंगे, बस आप अभी भी गंगा में गिर रहे नाले और सीवर गंगा में गिरने से रुकवा दीजिये।
शांतिकुंज के बाद अमित शाह निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद से मिलने भारत माता मंदिर पंहुचे। वंहा उंन्होने सत्यमित्रानंद और जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद से मुलाकात की अमित शाह ने बीमार चल रहे स्वामी सत्यमित्रानंद का हाल चाल जाना और उन्हें भी मोदी सरकार की उपलब्धियां बताई। उन्होंने दोनों संतों का आशीर्वाद लिया और मोदी सरकार की उपलब्धियां बताई और एक पुस्तिका भेंट की। यंहा अमित शाह को उनसे बातचीत करके थोड़ा सुकून जरूर मिला क्योंकि सत्यमित्रानंद जी ने उन्हें पूरा भरोसा भले ही ना दिया ही मगर उन्हें निराश भी नही किया। यंहा भी उनकी संतो से मुलाकात बन्द कमरे में हुई। मुलाकात के बाद स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति—नियत दोनों साफ है। देश हित में है। उन्हें अभी और सफलता मिलने तथा देश हित के लिए फिर से सत्ता में आना चाहिए। देश के भले के लिए केंद्र में फिर से भाजपा की सरकार बनना जरूरी है।
धर्म नगरी हरिद्वार में तमाम अखाड़े आश्रम है। मगर अमित शाह संपर्क फ़ॉर समर्थन के लिए इन दो ही संस्थाओ के प्रमुखों से मिले। गौरतलब है कि शान्तिकुन्ज के देश दुनिया मे करोड़ो समर्थक है जिनमे से ज्यादातर गुजरात के है। इसी तरह स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी का भी गुजरात के लोगो मे बहुत ज्यादा असर है। ऐसे में अमित शाह फिलहाल करोड़ो समर्थकों वाले दो बड़े संतो को बहुत ज्यादा रिझा पाने में कामयाब नही हो पाए है