शूटआउट इन जेल- डॉन मुन्ना बजरंगी को जेल में गोलियों से भून डाला, कुख्यात सुनील राठी पर हत्या का शक

बागपत,

पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खासम-खास माने जाने वाले शार्प शूटर कुख्यात माफिया प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है। मुन्ना बजरंगी की सोमवार बागपत जेल में ही करीब 10 गोलियां मारी गई। घटना सुबह करीब 6 बजे के आसपास की है। जब जेल के गॉर्ड ने गश्त के दौरान अचानक ही गोलियां चलने की आवाज सुनी। गॉर्ड के अनुसार लगातार कई गोली चलने की आवाज आई। कुछ देर बाद जानकारी मिली कि मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गईं । जेल के भीतर हत्या से जेल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही डीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बागपत जेल पंहुचे।

मुन्ना बजरंगी की बड़ौत के बसपा विधायक लोकेश दीक्षित और उनके भाई नारायण दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में कोर्ट में आज पेशी होनी थी। बजरंगी को कल ही झांसी जेल से बागपत जेल लाया गया था। मुन्ना बजरंगी पर बसपा विधायक और उनके भाई से 22 सितंबर 2017 को फ़ोन करके रंगदारी मांगने का आरोप था। कोर्ट में पेशी से पहले आज सुबह सुबह ही मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई। जेल पंहुचे अधिकारियों ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए है। फिलहाल एडीजी जेल में त्वरित करवाई करते हुए बागपत जेल के जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हैड वार्डन अरजिन्दर सिंह, वार्डेन माधव कुमार व एक सुरक्षा कर्मी को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना की जांच के आदेश दे दिए है। माना जा रहा है कि बागपत जेल में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है मगर जेल के भीतर जिस जगह पर मुन्ना बजरंगी की हत्या की गईं उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे नही लगे हुए थे। मुन्ना के साले विकास श्रीवास्तव के अनुसार मुन्ना को जेल के भीतर 10 गोलियां मारी गई है। विकास ने बागपत जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी पर हत्या किए जाने का शक जताया है। बताया जा रहा है कि सुनील राठी ने ही जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या अपने गुर्गों से करवाई है। राठी के साथ उसके शूटर भी बागपत जेल में बंद है।

मुन्ना बजरंगी की जेल के भीतर हत्या से जेल की सुरक्षा व्यवस्था गंभीर सवालो के घेरे में आ गयी है। मुन्ना की हत्या में आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किये जाने की आशंका जताई गई ही। सवाल उठ रहा है कि जेल के भीतर कड़ी सुरक्षा के बाद भी हथियार कैसे पंहुच गये

माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कुख्यात माफिया और आतंक का पर्याय माने जाने वाले सुनील राठी को 9 जुलाई सोमवार को मुन्ना बजरंगी की कोर्ट में पेशी होने की जानकारी थी। राठी ने मुन्ना को जेल में ही निपटाने के लिए पहले से ही योजना बना ली थी। ऐसी योजना के तहत पहले सेटिंग से जेल के भीतर हथियार मंगवाए गए। और फिर सुबह सुबह ही उसको उस जगह पर मारा गया जंहा पर सीसीटीवी कैमरे नही लगे हुए थे। यह भी माना जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या में राठी के साथ जेल के कुछ अधिकारी और कर्मी भी मिले हुए थे। इनकी मदद से ही हथियार जेल के भीतर पंहुचाई गए और फिर मुन्ना को सुबह ही खत्म कर दिया गया। मुन्ना को इसीलिए 10 गोली मारी गई जिससे उसके बच पाने की कोई संभावना ही ना रहे।

सुनील राठी का पश्चिमी उत्तरप्रदेश में खासा आतंक माना जाता है। अपने पिता और भाई की हत्या का बदला लेने के लिए सुनील राठी बदमाश बन गया और पिता के हत्यारों सोमपाल भाटी के गुर्गों की हत्या करवाई। इसके बाद तो राठी पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अपराध की दुनिया मे जाना माना नाम बन गया। मगर राठी का सबसे ज्यादा आतंक हरिद्वार जनपद में ही रहा है। हरिद्वार जिले में तो राठी रंगदारी वसूलने में नंबर वन माना जाता है। हरिद्वार में राठी का बड़ा नेटवर्क काम करता है। कई बड़े नाम राठी के गुर्गों में शामिल है जो यहां पर राठी के लिए काम करते है। सुनील राठी का पहले से ही पश्चिमी उत्तरप्रदेश में खासा आतंक है और अपराध की दुनिया मे रंगदारी वसूलने में उसका कोई सानी नही है। अब उसने 40 से ज्यादा हत्याओं के आरोपी उत्तरप्रदेश के कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या करके पश्चिमी उत्तरप्रदेश से पूरे प्रदेश में अपराध जगत में अपना आतंक फैलाने की कोशिश की है। बताया जा रहा है राठी का भाई पूर्वांचल की जेल में बंद है जिसका पिछले दिनों मुन्ना बजरंगी से झगड़ा हो गया था। मुन्ना और उसके गुर्गों ने सुनील राठी के भाई की जमकर पिटाई कर दी थी। इसके बाद ही मुन्ना और राठी में काफी कहासुनी भी हुए थी। कहा जा रहा है कि राठी ने तभी से मुन्ना को ठिकाने लगाने का प्लान बना लिया था।

मुन्ना बजरंगी की पत्नी को पहले से ही था उसकी हत्या किये जाने का अंदेशा–

मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह से लखनऊ में 29 जून को प्रेस कांफ्रेंस कर मुन्ना की हत्या किए जाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। सीमा सिंह ने आरोप लगाया था कि उत्तरप्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स मुन्ना की हत्या की साजिश रच रही है। योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए उसने कहा था कि यूपी पुलिस और एसटीएफ मेरे पति का एनकाउंटर करना चाहती है। सीमा सिंह ने आरोप लगाया था कि झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी के ऊपर जानलेवा हमला किया गया है। साथ ही खाने में जहर देकर मारने का प्रयास भी किया गया है। सीमा सिंह ने हत्या की साजिश रचने का अरोप कई प्रभावशाली नेता और अफसरों पर लगाया था। उन्होंने कहा था इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है, जिसमें एसटीएफ के अधिकारी जेल में ही मुन्ना बजरंगी को मारने की बात कह रहे हैं। इसकी शिकायत कई अफसरों और न्यायालय से की लेकिन कहीं से भी सुरक्षा नहीं मिली। उन्होंने कहा कि सिर्फ मेरे पति ही नहीं मेरे पूरे परिवार को जान का खतरा है। मुन्ना की पत्नी द्वारा मुन्ना की हत्या की साजिश की आशंका जताने के एक हफ्ते बाद ही हत्या हो जाने से उत्तरप्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। बागपत जेल के 5 अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों के निलंबन के बाद मुख्यमंत्री ने भी घटना की जांच के आदेश दे दिए है।

कौन है मुन्ना बजरंगी, और कैसे बना कुख्यात माफिया–

उत्तरप्रदेेेश के जौनपुुर का प्रेम प्रकाश सिंह तब महज 17 साल का ही था जब उसने एक व्यापारी की हत्या की। 17 साल की उम्र का नादान बालक इस एक हत्या से ही अपराध की दुनिया मे आ गया था। तब उसे स्थानीय माफिया गजराजसिंह का संरक्षण मिला हुआ था। गजराज सिंह के इशारे पर ही उसने 1993 में जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह और उनके दो गनर की हत्या की। लड़कपन में ही हथियार रखने के शौंक और बड़ा गैंगस्टर बनाने की तमन्ना में प्रेम प्रकाश सिंह बन गया मुन्ना बजरंगी। इसके बाद छोटे मोटे अपराध के बाद यह तब के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की नजरों में चढ़ गया और मुख्तार ने उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया। मुख्तार अंसारी का साथ मिलते ही मुन्ना ने कई बड़े अपराध किये और मुख्तार के अपराध के रास्ते राजनीति में आने के बाद मुन्ना ने रेलवे और कोयले के ठेकों में दखल बढ़ दिया और इन ठेकों के जरिये बेशुमार दौलत कमाई। इसके साथ ही उसके दुश्मनो की संख्या भी बढ़ती चली गयी।

मुन्ना बजरंगी भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से आया था चर्चाओं में–

मुन्ना बजरंगी एक के बाद एक बड़े लोगो खासकर भाजपा के बड़े नेताओं को अपना निशाना बनाता रहा। पर मुन्ना बजरंगी सबसे ज्यादा चर्चाओं में आया भाजपा के बाहुबली नेता विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करने के बाद। पूर्वांचल में सरकारी ठेकों और रंगदारी के कारोबार पर मुख्तार अंसारी का कब्जा था। लेकिन इसी दौरान तेजी से उभरते बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय उनके लिए चुनौती बनने लगे। उन पर मुख्तार के दुश्मन ब्रिजेश सिंह का हाथ था। उसी के संरक्षण में कृष्णानंद राय का गैंग फल फूल रहा था. इसी वजह से दोनों गैंग अपनी ताकत बढ़ा रहे थे। इनके संबंध अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़े गए थे। कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को रास नहीं आ रहा था। मुख्तार अंसारी ने मुन्ना बजरंगी से कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी। मुन्ना बजरंगी ने असॉल्ट राइफल से मुन्ना पर करीब 400 राउंड फायर किए थे। इस हमले में कृष्णानंद राय के साथ उसके गनर सहित 6 साथी मारे गए थे। पोस्टमार्टम में हरेक के शरीर से 60 से 70 गोलियां निकली थी। इस हत्याकांड के बाद मुन्ना बजरंगी उत्तरप्रदेश में खौफ और आतंक का दूसरा नाम बन गया था और पुलिस, एसटीएफ, और सीबीआई के लिए मोस्ट वांटेड अपराधी।

उत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुन्ना के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे। वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था। उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज हैं। पुलिस उसकी गिरफ्तारी पर 7 लाख का इनाम घोषित कर चुकी थी।
उत्तर प्रदेश में पुलिस का दबाव बढ़ाने पर मुन्ना बजरंगी मुम्बई भाग गया और मलाड इलाके में ऑटो चालक बनकर रहने लगा। मगर उसने वंहा भी अपना रंगदारी का नेटवर्क शुरू कर दिया। 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था ऐसा माना जाता है कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद गिरफ्तारी करवाई थी। मुन्ना के बारे में कहा जाता कि उत्तरप्रदेश में AK47 राइफल का प्रयोग सबसे पहले उसनेही किया था और कुख्यात माड़िया होने के बावजूद भी वह अपने पास मोबाइल फ़ोन नही रखता था। अपने साथियों या परिजनों से संपर्क करने के लिए वह अलग अलग पीसीओ का इस्तेमाल करता था। इसलिए पुलिस उसे पकड़ नही पाती थी।

दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट राजबीर सिंह की हत्या के मामले में पुलिस को मुन्ना बजरंगी का हाथ होने का शक था। इसके बाद से उसे अलग-अलग जेल में रखा जाता रहा। मुन्ना बजरंगी ने एक बार दावा किया था कि अपने 20 साल के आपराधिक जीवन में उसने हत्या की 40 वारदातों को अंजाम दिया है। रविवार रात को ही मुन्ना को एक पेशी के सिलसिले में यूपी की झांसी जेल से बागपत जेल शिफ्ट किया गया था। यहां उसकी सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी गई।

Front Page Bureau

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