हरिद्वार। गंगा दशहरा का पर्व हिन्दुओं के लिए ख़ास महत्त्व रखता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। पुराणों मे वर्णित उल्लेख के अनुसार भगवान् शिव की जटाओं से होते हुए इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। अपने पूर्वजों की आत्मा के उद्धार के लिए शिव की कठोर तपस्या के बाद भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे। मान्यता है की गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पाप मिट जाते हैं। प्रसिद्ध ज्योतिषचार्य डॉक्टर प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार इस बार गंगा दशहरा गुरुवार, 9 जून को है और ये पहले से ज्यादा खास रहने वाला है।
प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार 9 जून को ही गंगा दशहरा मनाना शास्त्र सम्मत। उनका कहना है की पूर्वा हरण व्यापिनी ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में गंगा जी पृथिवी पर आई थी। उस समय दश योग थे। ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि,बुधवार,हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण,आनंद योग, वृष राशि में सूर्य, कन्या राशि में चंद्र,ये सूत्र ब्रह्म पुराण,स्कंध पुराण मे कहा है की जिन दिन इन दस योग में से अधिक योग प्राप्त हो उस दिन ही गंगा मां का अवतरण दिवस मनाया जाता हे। इस बार 9 जून 10 जून दोनो दिन दशमी हे परंतु 9 जून को दस में से 7 योग उपलब्ध है। 9 जून को ज्येष्ठ मास , हस्त नक्षत्र, शुक्ल पक्ष, व्यतिपत योग, गर करण, कन्या राशि में चंद्र, वृष राशि में सूर्य, जबकि 10 जून को इतने योग नही हे इसी लिए 9 जून को ही गंगा दशहरा मनाना शास्त्र सम्मत होगा।..कहा भी है “यत्र बहूना योगा सा ग्राह्य…
गंगा दशहरा पर शुभ संयोग
प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि गंगा दशहरा पर इस साल दो शुभ संयोग बन रह हैं। गंगा दशहरा पर रवि योग बन रहा है। इस दिन सूर्योदय के साथ ही रवि योग शुरू हो जाएगा। इस शुभ योग में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों को करना बहुत ही शुभ माना जाता है। गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में धरती पर उतरी थी। इस बार हस्त नक्षत्र 9 जून को सुबह 4 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होकर 10 जून को सुबह 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस बार गंगा दशहरा का पर स्नान का शुभ मुहूर्त गुरुवार 09 जून को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर शुक्रवार, 10 जून को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी।
प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करना चाहिए। यदि आप गंगा के तट पर नहीं है अथवा जा पाने में असमर्थ हैं तो आस-पास के तालाब या नदी में भी मां गंगा का नाम लेकर डुबकी लगाई जा सकती है। डुबकी लगाते समय ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का उच्चारण जरूर करें। आप चाहें तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
गंगा दशहरा के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन दान-धर्म के कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन 10 चीजों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. पूजन सामग्री में भी 10 चीजों का इस्तेमाल करें. 10 प्रकार के ही फल और फूल का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार अघोर तंत्र की अधिधात्री है मां गंगा। इस दिन गंगा जी की साधना करने वाले अघोर तंत्र के उपासक जिनको अघोरी भी कहा जाता है वो गंगा की विशेष साधना करते है। क्योंकि अघोर तंत्र की देवी मां गंगा हे। इस दिन उनकी साधना गुप्त होती है और वो जंगल में ,गंगा के संगम पर, विशेष साधना करते है। सन्यासी इस दिन गंगा में स्नान करते है। गृहस्थी गंगा जी की अर्चना दस प्रकार के फल,दस प्रकार की मिठाई,दस प्रकार के रंगों,दस प्रकार के वस्त्रों,से पूजन करते है। इस दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पाप, तीन प्रकार के कायिक,चार प्रकार के वाचिक,तीन प्रकार के मानसिक पापो का मां गंगा हरण कर लेती है।