विश्व पर्यावरण दिवस 2022 थीम “केवल एक पृथ्वी” 🌍

आजाद़ी के 75 वें अमृत महोत्सव के अवसर पर परमार्थ निकेेतन गंगा तट पर पर्यावरण और नदियों को समर्पित मानस कथा के दिव्य मंच से परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संदेश दिया कि हर चीज का प्लान ए और प्लान बी हो सकता है परन्तु प्लानेट (धरती) केवल एक ही है इसलिये वृक्षारोपण और वृक्षों का संरक्षण नितांत आवश्यक है।

 

आज के पावन अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी जी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री, भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने पूज्य स्वामी जी के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया तथा सभी ने मिलकर परमार्थ प्रांगण में रूद्राक्ष के पौधे का रोपण किया।

 

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने यशस्वी मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी को उनके अवतरण दिवस पर ‘जीवेम् शरदः शतम्’ शुभकामनायें देते हुये कहा कि उनका जीवन धर्म, पर्यावरण और मानवता के लिये अमूल्य उपहार है। भारतीय संस्कृति और धार्मिक मूल्यों की रक्षा हेतु योगी जी का अभूतपूर्व योगदान है। परमार्थ निकेतन परिवार ने माननीय योगी जी के प्राकट्य दिवस के अवसर पर विशेष यज्ञ कर दीर्घायु की प्रार्थना की तथा मंचासीन सभी महापुरूषों ने रूद्राक्ष का दिव्य पौधा माननीय योगी जी को समर्पित किया।

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री माननीय श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने संदेश के माध्यम से पूज्य स्वामी जी महाराज को उनके अवतरण दिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि वे परमार्थ निकेतन में आकर शीघ्र ही भेंट करेंगे। उन्होंने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। स्वामी जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रचंड विजय की बधाईयाँ देते हुये कहा कि उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के लिये मिलकर कार्य करेंगे। राजस्थान विधान सभा की सदस्य श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने अपने संदेश के माध्यम से स्वामी जी को जन्मदिवस की शुभकामनायें अर्पित की।

 

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि यह समय एक-एक पेड़ और जल की एक-एक बूंद को बचाने का है। यह समय पर्यावरण संरक्षण के लिये खुद को सरेण्डर करने का है। हमें हमारी धरती और आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए मिलकर प्रयास करना होगा क्योंकि हमारे पास किसी चीज का प्लान ए और प्लान बी हो सकता है परन्तु प्लानेट (धरती) केवल एक ही है।

 

वर्तमान समय में चारों ओर कांक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं, तमाल कटते जा रहे हैं कदम्ब छंटते जा रहे है। पानी कम हो रहा है, तापमान बढ़ता जा रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिससे ये प्यारा सा हरा भरा नीला ग्रह तपते गोले में परिवर्तित हो रहा है इसलिये अधिक से अधिक मात्रा में पौधा का रोपण और संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है।

 

स्वामी जी के कहा कि धरती को हमारी आवश्यकता नहीं है परन्तु बिना उसके हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती इसलिये धरती का शोषण नहीं, पोषण करें, दोहन नहीं संवर्द्धन करना होगा इसलिये तो हमारे ऋषियों ने हमें प्रकृति के अनुरूप जीने का मार्ग दिखाया था। गांधी जी ने भी कहा कि ’’धरती के पास सब लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त संसाधन हैं, परन्तु एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिये पर्याप्त संसाधन नहीं हंै।’’ इसलिये हमें ग्रीड कल्चर से नीड कल्चर; ग्रीड कल्चर से ग्रीन कल्चर; नीड कल्चर से नये कल्चर; यूज एंड थ्रो कल्चर से यूज एंड ग्रो कल्चर की ओर बढ़ना होगा।

 

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी जी ने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज विश्व पर्यावरण दिवस है और माननीय योगी जी का जन्मदिवस भी है। उन्होंने कहा कि यह समय भगवान श्री राम के आदर्शो के आत्मसात करने का है। हम सभी राम राज्य की स्थापना की आशा करते है। मुझे विश्वास है आने वाले युग में राम राज्य की स्थापना अवश्य होगी।

 

माननीय मंत्री जी ने कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण के लिये स्वयं ही प्रयास करना होगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व की सरकार पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उन्होंने सरकार की उज्जवला गैस, सोलर उर्जा, बायो डीजल हेतु किये जा रहे कार्यो के बारे में अवगत कराया।

 

उन्होंने पहला सुख निरोग काया हेतु प्राकृतिक कृषि को अपनाने का संदेश देते हुये कहा प्राकृतिक कृषि के मूल में हमारी गौ माता है अतः उनका संरक्षण जरूरी है। हम गाय को नहीं पालते बल्कि गौ माता हमें पालती है। 25 प्रतिशत भूमि पर प्राकृतिक कृषि का अनुसंधान हो इस निर्णय के विषय में जानकारी प्रदान की। उन्होंने प्राकृतिक कृषि करने वाले राज्य हिमाचल प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों की सराहना की।

 

केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री, भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति जी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को जन्मदिवस की शुभकामनायें अर्पित करते हुये कहा कि पूज्य स्वामी जी ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया जिसे आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेगी।

 

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हमारी जैसी दृष्टि होती है वैसी ही हमारी सृष्टि होती है। प्रतिवर्ष 7 मिलियन लोगों की मौत केवल वायु प्रदूषण से होती है। हमें अपनी जरूरत के लिये जितने जल की आवश्यकता है, वह वर्ष 2030 तक लगभग आधा हो जायेगा परन्तु इसका समाधान भी हमारे पास ही है और इसके लिये हमें प्रकृति के अनुरूप जीवन जीना होगा तथा अध्यात्म और कथाओं के माध्यम से शान्ति और खुशी प्राप्त करना अत्यंत जरूरी है। हमारे वेद हमें वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश देते हैं अब इन दिव्य मंत्रों को जीना होगा।

 

परमार्थ निकेतन परिवार के सदस्यों ने ऋषिकेश के समुदायों के युवा छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिये कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें 200 छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया। प्रथम तीन उत्कृष्ट कृतियों को पुरस्कृत किया।

 

आज के इस पावन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया तथा गोबर के गमले में लगा रूद्राक्ष उपहार स्वरूप भेंट किया। इस अवसर पर स्वामी जी ने कृषि मंत्रालय द्वारा पर्यावरण सरंक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की सराहना की।

Front Page Bureau

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