चंद्र ग्रहण को लेकर भारतीय ही नही विदेशियों में भी खासा उत्साह देखा गया। भारतीय ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के वक्त नकारात्मक ऊर्जा का असर लोगो के जीवन पर पड़ता है। नकारात्मक ऊर्जा और ग्रहण से होने वाले नुकसान को लेकर ग्रहण के वक्त ओर ग्रहण के बाद विदेशियों ने भी हरिद्वार में पूजा पाठ किया और जीवन मे शांति और ग्रह क्लेश, आदि से बचने के लिए अनुष्ठान किया।
ग्रह क्लेश केवल भारतीयों की ही समस्या नही है। इस समस्या से विदेशी भी बहुत परेशान है और जीवन मे शांति की चाह के लिए भारतीय ज्योतिष ओर धर्म के प्रति उनका आकर्षण भी बढ़ रहा है। 31 जनवरी को चंद्र ग्रहण के मौके पर करीब एक दर्जन विदेशी हरिद्वार पंहुचे ओर शुख शांति, ओर ग्रह क्लेश से मुक्ति के लिए पूजा पाठ ओर अनुष्ठान किया। प्रख्यात ज्योतिष डॉक्टर प्रतीक मिश्रपुरी ने इन सब विदेशियों को ग्रहण के दौरान ओर ग्रहण के बाद पूजा पाठ ओर अनुष्ठान करवाया। प्रतीक मिश्रपुरी का मानना है कि भले ही हम भारतीय अपनी परम्पराओं ओर संस्कारो को भूलते जा रहे है मगर विकसीत होने के बावजूद भी विदेशियों में भारतीय धर्म संस्कृति और संस्कृत के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।
ज्योतिष डॉक्टर मिश्रपुरी का कहना है कि हम भारतीयों कर लिए ग्रहण एक उत्सव जैसा जैसा हो सकता है मगर ग्रहण उत्सव का मौका नही होता है। ये केवल एक सामान्य खगोलीय घटना मात्र नही है वास्तव में ग्रहण के वक्त सूर्य और चंद्रमा दोनों की ही नकारात्मक
किरणें धरती से टकराती है जो ग्रह अनुसार पृत्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव के जीवन मे अच्छे और बुरे प्रभाव डालती है। विदेशियों ने यंहा आकर ग्रहण के वक्त ओर बाद में सत्य चंद्र और नवग्रह शांति की पूजा की। एक हिन्दू पद्धति की पूजा का मकसद जीवन मे सुख ओर शांति की कामना था।
ग्रहण के दौरान ॐसूर्याय नमः, ॐ चंद्र देवाय नमः, ।ओर ॐ जैसे मंत्रो का हिन्दू नही बल्कि बल्कि सात समंदर पार से आये विदेशियों ने भी किया. । शायद आम भारतीय संस्कृत के श्लोकों ओर मंत्रो का इतने शुद्ध उच्चारण के साथ जाप ना कर सके जिस तरह से ये विदेशी कर रहे थे । सुख ओर शांति की तलाश इन विदेशियों को भारत की धरती पर खींच लाई है।दो दिन पहले जब इस साल के पहले चंद्र ग्रहण को लेकर देश विदेश में उत्सुकता थी वंही के विदेशी ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भारतीय ज्योतिष की शरण मे थे। करीब एक दर्जन विदेशी आयरलैंड, ब्रिटेन और डबलिन जैसे देशों से भारत मे आकर भारतीय पूजा अनुष्ठान के जरिये सुख शांति को पाने में लगे हुए थे। विदेश से हरिद्वार आकर भारतीय पूजा और अनुष्ठान को लेकर इन विदेशियों में भारी उस्तास ओर कौतूहल दिखाई दिया। इनका मानना है कि पूजा के दौरान इन्हें चमत्कारिक अनुभव हुआ ओर ऐसा महसूस हुआ जैसे इन्हें इलेक्ट्रिक शॉक लगा हो। इनका कहना है कि आत्मा के शुद्धिकरण ओर जीवन में उद्धार के लिए ग्रहन कि पूजा एक चमत्कारिक अनुभव रहा।
विदेशों में विकास भले ही तेजी से हो रहा हो और भौतिक सुख साधन भी बढ़ रहे हो मगर इसी के साथ ही विदेशियों के जीवन मे शुख ओर शांति की कमी बढ़ती जा रही है और उसी सुख और शांति की चाह के लिए भारतीय धर्म संस्कृति के प्रति उनका आकर्षण , भारतीय ज्योतिष पर उनका भरोसा बढ़ाना इस बात का संकेत है कि आज भी दुनिया भर में भारतीय संस्कृति, ज्योतिष और परम्परायें सर्वश्रेष्ठ है।