हरिद्वार। भूपेंद्र चौहान
पन्द्रह वर्षीय किशोरी से बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने व कई बार दुष्कर्म करने के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी युवक को दोषी पाया है।विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष कैद व 48 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि 21 जून 2020 को पथरी क्षेत्र स्थित घर से एक नाबालिग किशोरी अपने घर से कहीं चली गई थी।परिजनों के काफी तलाश करने पर भी किशोरी का कोई पता नहीं चला था।इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने शक के आधार पर आरोपी युवक आकाश उर्फ काका पुत्र कल्लू राम निवासी ग्राम फेरुपुर रामखेड़ा थाना पथरी के खिलाफ बहला फुसलाकर कर भगाकर ले जाने का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक के बड़े भाई के चंडीगढ़ गांव धनास स्थित घर से पीड़ित किशोरी को बरामद किया था।
पीड़ित किशोरी ने अपने परिजनों व पुलिस को सारी आपबीती बताई थी।जिसपर पीड़िता के परिजनों ने आरोपी आकाश उर्फ काका के खिलाफ अपहरण, कई बार दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था।पीड़ित किशोरी ने आरोपी युवक पर उसे बहला फुसलाकर ले जाकर, कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से सात गवाह पेश किए।
इन धाराओं में सुनाई सजा
एफटीएस कोर्ट ने अभियुक्त को धारा 363 आईपीसी में तीन वर्ष की कैद व तीन हजार रुपये,धारा 366 आईपीसी में पांच वर्ष की कैद व पांच हजार रुपये,धारा 376 (3) आईपीसी में 20 वर्ष की कैद व 20 हजार रुपये और धारा 5(ठ) 6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष की कैद व 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
प्रतिकर राशि दिलाने के दिए निर्देश
एफटीएससी कोर्ट ने निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व निर्भया प्रकोष्ठ को भेजकर पीड़िता को उचित प्रतिकर राशि दिलाने के निर्देश दिए गए हैं।