संस्कृत और प्राकृत भाषा में है अटूट संबंध : प्रोफेसर त्रिपाठी

 

हरिद्वार, 5 जून। श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर भूपतवाला, हरिद्वार में दिल्ली स्थित भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट आफ इंडोलॉजी, वल्लभ स्मारक, जैन मंदिर के तत्वाधान में 33वीं श्रीआत्म वल्लभ ग्रैष्मी प्राकृत शिक्षण एवं अधिगम अध्ययनशाला का उद्घाटन उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने किया।

इस अवसर पर डॉ. मोहन पांडेय ने मंगलाचरण एवं सरस्वती वंदना की। समस्त अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर प्राचीनतम भाषा प्राकृत भाषा के अध्ययन और अध्यापन के लिए आयोजित अध्ययनशाला का शुभारंभ किया, जो एक माह (दिनांक 5 जून से 3 जुलाई तक) तक चलेगी। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर गया चरण त्रिपाठी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि संस्कृत और प्राकृत प्राचीनतम भाषाएं है जिनका विकास बारह से पन्द्रह सौ ईसा पूर्व आर्यावर्त में हुआ था। यह पाली, संस्कृत, ग्रीक, रोमन जैसी भाषाओं की समकालीन रही है जो दुर्भाग्यवश समय के साथ विलुप्त होती जा रही है। ध्यातव्य है कि भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट आफ इंडोलॉजी के द्वारा विगत 32 वर्षों से इस भाषा को संरक्षित एवं प्रचलित किए जाने का उपक्रम किया जाता रहा है। इसके पहले के सभी कार्यशालाओं का आयोजन दिल्ली स्थित वल्लभ स्मारक जैन मंदिर में ही होता रहा था।

इस वर्ष पहली बार प्रयोग के तौर पर इसका आयोजन दिल्ली से बाहर भूपतवाला स्थित जैन मंदिर, हरिद्वार में किया गया है, जिसमें प्राकृत भाषा के शिक्षाविद एक साथ अध्ययन और अध्यापन करेंगे। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत और प्राकृत भाषा में अटूट संबंध है, प्राकृत भाषा में ही जैन साहित्य और धर्म ग्रंथों की रचना हुई है। यह अखंड भारत की प्राचीन भाषा थी जो विलुप्त होती जा रही है। जिनाचार्यों ने प्राकृत भाषा में अध्ययन किया और इस को समृद्ध किया। प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने इस कार्यशाला, अध्ययनशाला का आयोजन करने के लिए आयोजकों को बधाई दी।

इस कार्यशाला में राजस्थान, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि देश के अनेक राज्यों से शिक्षार्थी शामिल हुए हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर के कमलेश कुमार जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया जबकि श्वेता जैन, जयनाराण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर सहित अनेक विद्वतजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन संस्थान के प्रबंधक वाचस्पति पाण्डेय ने किया।

Front Page Bureau

Front Page Bureau

This function has been disabled for Front Page Newz.