वाराणसी। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर हिंदुओ की भावनाओ को आहत किये जाने पर ओवैसी की संसद सदस्यता खत्म करने की मांग की है।
चक्रपाणि महाराज ने आरोप लगाया कि ओवैसी और उनके भाई लगतार हिंदुओ की भावनाओ का अपमान कर रहे है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में वजुखाने में मिले शिवलिग को कभी फव्वारा और कभी कुछ बताकर हिंदुओं की भावनाओ को आघात पंहुचा रहे है। यही नही वजुखाने को सील कर कोर्ट ने वंहा वजु करने पर रोक लगाई हुए है इसके बावजूद भी ओवैसी वजुखाने में वजु किये जाने की मांग कर हिंदुओ के साथ साथ मुस्लिमो की धार्मिक भावनाओं को भड़का रहे है। इससे वह अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए देश का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे है।
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चक्रपाणि महाराज ने ॐ बिरला को लिखे पत्र में कहा है कि एक सांसद सदस्य होने के बावजूद भी ओवैसी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के कुचक्र रच रहे है। उन्होंने कहा कि ओवैसी की सोच औरंगजेब और जिन्नावादी है। इस तरह का सदस्य संसद में होना देश हित मे नही है। इस तरह की सोच रखने वाले और राजनीतिक स्वार्थों के लिए देश के खिलाफ साजिश रचने वाले ओवैसी की जगह जेल में होनी चाहिए न कि संसद में। इसलिए ओवैसी की संसद की सदस्यता तत्काल निरस्त की जानी चाहिए।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने ज्ञानवापी मामले में दिल्ली विश्विद्यालय के प्रोफेसर रत्न लाल द्वारा शिवलिंग पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा आईपीसी की धारा 153 A, और 295 A के तहत गिरफ्तार किए जाने का स्वागत करते हुए सांसद ओवैसी की भी हो गिरफ्तारी किये जाने की मांग भी की है।