हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय नरेंद्र गिरी की मौत मामले के मुख्य आरोपी माने जा रहे उनके शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ दर्ज मुकदम वापस लेने का अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पूरी ने कड़ा विरोध किया है। आनंद गिरी पर मुक़दमा दर्ज करने वाले दोनो साधुओं ने अपनी एफ आई आर वापस ले ली है. बताया जा रहा है की आनंद गिरी की ज़मानत पर सुनवाई से ठीक पहले ही उसके खिलाफ दर्ज एफ आई आर वापस ली गयीं है।
रविंद्रपुरी का कहना हो की एफ आई आर वापस लेने की उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। ऊनका कहना है की वह एक दो दिन मे प्रयागराजजा रहे है और इस बारे मे पूरी जानकारी ले रहा हूं।
उनका कहना है की हमारे इतने बड़े महाराज की हत्या हुई है और यह इतना हाईलाइट मामला हुआ है इसमें एफ आई आर वापस लेने का कोई मतलब नहीं है और उन महात्माओं को एफ आई आर वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है मैं स्वयं इलाहाबाद जाऊंगा और उन महात्माओं से पूछूंगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया है उसके पीछे क्या चाल है किसका हाथ है क्या साजिश है यह सब देखा जाएगा। जहां तक मेरा मानना है वहां पर कुछ लोग ऐसे लगे हुए हैं जो आरोपी आनंद गिरि को छुड़ाना चाहते हैं परंतु ऐसा नहीं होगा जो कानून है कानून अपना कार्य करेगा। एफ आई आर वापस लेने से कुछ नहीं होगा और जिन महात्माओं ने ऐसा काम किया है उनके ऊपर भी हम कानूनी कार्रवाई करेंगे अभी जो बेल का इशू था और बेल के समय में ही एफ आई आर वापस ली गई है इसका मतलब इन लोगों को पैसा दिया गया है यह लोग पैसा लेकर के एफ आई आर वापस ले रहे हैं और इस मामले में बहुत बड़ा कदम उठाया जाएगा।
जिन महात्माओं ने ऐसे क्या है क्योंकि हमारे महाराज के सुसाइड में किसका हाथ था उस की सीबीआई जांच हो रही है परंतु जो महात्माओं ने F.I.R. वापस ली है मैं समझता हूं ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई की अखाड़े का कोई महात्मा एफ आई आर वापस ले ऐसा इन्होंने क्यों किया इसकी हम जानकारी करेंगे।