हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में आयोजित हो रही( साइंस कम्युनिकेशन और रिसर्च मेथडलॉजी) की राष्ट्रीय कार्यशाला में दूसरे दिन उत्तराखंड संस्कृत यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ विनय शेट्टी जी के द्वारा प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया गया जिसमे डॉ सेठी ने प्रतिभागियों को शोध पत्र लिखना व किस प्रकार से शोध पत्र को अच्छे इम्पैक्ट फैक्टर में प्रकाशित किया जाये इसके विषय में सम्पूर्ण जानकरी दी गयी।
दूसरे सत्र की शुरुआत गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ राकेश भुटियानी जी के द्वारा की गई। डॉ भूटियानी ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए उनको बताया कि शोध कार्य में शोधार्थी को कभी हार ना मानते हुए निरंतर अपने कार्य में लगे रहना चाहिए निरंतर शोध कार्य में लगे रहने पर सफलता अवश्य मिलती है और जिस प्रकार का हम शोध कार्य करना चाहते हैं उसे आसानी से कर सकते है।
कार्यशाला में प्रो. नमिता जोशी, डॉ संगीता मदान,डॉ नितिन कम्बोज, डॉ राकेश भूटियानी, डॉ विनोद कुमार, डॉ गगन माटा, डॉ नितिन भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।