हरिद्वार में लगने वाला जाम यात्रियों के साथ ही हरिद्वार वासियों के लिए भी मुसीबत बनता जा रहा है। जाम के साइड इफेक्ट यात्रियों और स्थानीय लोगो को भुगतान पड रहे है। जाम के दबाव में पुलिस कर्मियों में बढ़ रहा गुस्सा यात्रियों पर निकल रहा है और पुलिस कर्मी पूरी गुंडागर्दी पर उतारू है।
अभी एक दिन पहले 20 जून को सोशल मीडिया पर वायरल हुई हरियाणा के महिला पुरुष यात्रियों के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था जिसने न केवल धर्मनगरी हरिद्वार की छवि को तार तार करके रख दिया बल्कि खाकी को भी शर्मशार कर दिया।
अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। 16 जून को ही हरिद्वार में दीनदयाल पार्किंग के पास बाइक भीमगोडा की और ले जाने को लेकर एक महिला कांस्टेबल के साथ हुई कहासुनी का खामियाजा एक स्थानीय दुकानदार अमन राजपूत को भुगतना पड़ा। पुलिस कर्मियों ने अमन राजपूत को रोड़ी बेलवाला चौकी में बंद कर उसकी लात घूंसों से जमकर पिटाई की और उस पर धारा 185 के तहत मुकदमा दर्ज कर 5 घंटे तक लॉकअप में बंद करके रखा।
देखे विडिओ [highlight color=”red”]इन विडिओ में पुलिसवाले दुकानदार के साथ गाली गलोच और धमकाते साफ़ दिखाई व् सुनाई दे रहे है[/highlight]
नोट: वीडिओज़ पीड़ित द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड की गयी है
जानिये क्या है पूरा विवाद
जब 16 जून को ही अलकनंदा होटल के पास हरियाणा के यात्रियों के साथ पुलिस वालों में मारपीट की थी तब भी अमन मौके पर ही था। हरियाणा के यात्रियों के मोबाइल पुलिस वालों द्वारा छीन लिए जाने के बाद अमन ने ही अपने फ़ोन से उनकी परिजनों के साथ बात कराई थी।
इस घटना के थोड़ी देर बाद ही दीनदयाल पार्किंग के पास भीमगोडा में अपने होटल पर जाते हुए अमन को एक महिला कांस्टेबल ने रोक लिया। अमन का आरोप है कि महिला कांस्टेबल ने उसके साथ बहुत अभद्र तरीके से बदतमीजी के साथ बात की और उसे जबरन रोडिबेलवाला चौकी ले आयी। वंहा पर एक दरोगा और दो सिपाहियों ने उसके साथ पहले गालीगलौच की और उन पर महिला कांस्टेबल के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। अमन इन सब बातों को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर रहा था, तो रिकॉर्डिंग से झुंझलाए दरोगा ने पहले उसका मोबाइल छीन कर तोड़ दिया और फिर उसकी लात घूंसों से जमकर पिटाई। उसे 5 घंटे तक लॉकअप में बंद किये रखा। अमन ने किसी तरह से दूसरे के मोबाइल से अपने परिजनों को इसकी सूचना दी। तब परिजनों के आने के बाद उसे छोड़ा गया।
अमन के शरीर पर ये चोट के निशान पुलिस की दरिंदगी की कहानी बयां कर रहे है। सवाल उठ रहा है कि आखिर आम आदमी की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस कर्मी हैवान कैसे और क्यों बनते जा रहे है। क्या उन पर काम और जाम का दबाव अत्यधिक बढ़ रहा है या फिर उनकी वर्दी में ही कोई ऐसा नशा है कि उसे पहनते ही वो हैवान बन जाते।