आखिरकार हरक को मिल ही  गया नया ठिकाना, 5 दिन की जद्दोजहद के बाद बहुत ही साधारण तरीके से कांग्रेस में शामिल हुए हरक, मगर हरक को कांग्रेस नही देगी चुनावी टिकट

नई दिल्ली। आखिरकार उत्तराखंड के मौसम विज्ञानी माने जाने वाले हरक सिंह रावत को कांग्रेस के रूप में नया ठिकाना मिल ही गया। 5 दिन की जद्दोजहद के बाद हरक आज कांग्रेस में शामिल कर ही लिए गए।  हरक सिंह रावत को आज कांग्रेस ने एक बार फिर से शामिल कर लिया। उनके साथ उनकी बहू अनुकृति गुसाईं भी थी। दिल्ली में आज हरक सिंह रावत को प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विपक्ष ने नेता प्रीतम सिंह,व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल रहे।

उत्तराखंड में भाजपा की धामी सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। हरक को भाजपा ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से भी 6 साल के निष्काषित कर दिया था। उसके बाद से ही हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे। मगर कांग्रेस में उनकी राह में रोड़ा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बने हुए थे। आखिर 5 दिन बाद हरीश रावत की हरी झंडी मिलने के बाद ही कांग्रेस में उन्हें शामिल किया जा सका। आज कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने हरीश रावत को बड़ा भाई बताते हुए कहा कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और हरीश रावत ने उन्हें अपने गले लगाया।

हरक सिंह रावत को आज कांग्रेस में बहुत ही सादे तरीके से शामिल किया गया। यानी उनके कांग्रेस में शामिल होने पर कोई तड़क भड़क नही थी और ना ही समर्थकों की भारी भीड़ थी। कांग्रेस मुख्यालय में उन्हें बहुत ही साधारण तरीके से पार्टी में शामिल किया गया है।

भाजपा के बारे में हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्हें उम्मीद नही थी कि भाजपा उनके बारे में इस तरह की बयानबाजी करेगी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने हरक सिंह रावत को स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें एक ही टिकट दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अब हरक सिंह रावत खुद चुनाव नही लड़ेंगे और कांग्रेस उनकी बहू अनुकृति को चुनाव मैदान में उतार सकती है। मगर सूत्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस हरक सिंह रावत को टिकट नही देगी।

Front Page Bureau

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