स्वामी चिदानंद सरस्वती का जीवन मां गंगा को समर्पित- राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने शनिवार को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज के 70 वें जन्म दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) के परमार्थ निकेतन पहुंचने पर पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनका स्वागत किया गया ।

इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) को सेना एवं प्रशासनिक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य किए जाने पर गंगा वाणी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं उद्योगपति श्री विनोद कुमार को भी गंगा वाणी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान परमार्थ निकेतन द्वारा राज्यपाल को ‘‘इनसाइक्लोपीडिया ऑफ हिंदुस्म’’ पुस्तक भेंट की गई।

Life of Swami Chidanand Saraswati dedicated to Mother Ganga - Governor
Life of Swami Chidanand Saraswati dedicated to Mother Ganga – Governor

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि परमार्थ निकेतन दिव्य, भव्य और पवित्र स्थल है और स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज सेवा भाव के साक्षत वृक्ष हैं। उन्होनेे स्वामी जी के 70वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी एवं उनके यशस्वी, तेजस्वी, दीर्घ, और मंगलमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने 62 साल की सच्ची सेवा की है, उन्होंने हमेशा गंगा, पर्यावरण, गरीबों एवं राष्ट्र , समाज के बारे में सोचा है। उन्होंने कहा जो लोग समाज की सेवा करते हैं उन्हें प्रभु का आशीर्वाद होता है।

 

राज्यपाल ने कहा की पूज्य स्वामी जी महाराज का यह जन्म उत्सव सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है, और इस सप्ताह का आज का यह दूसरा दिन संस्कृति और विरासत की रक्षा को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा सेवा, संस्कृति और विरासत ये तीनों ही शब्द स्वामी जी के व्यक्तित्व को पूर्णतः सार्थकता प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की धरती को देवों की भूमि, ऋषियों की भूमि, सैनिको की भूमि है। ऋषि-मुनियों, ज्ञानी संतों के मार्गदर्शन में भारत को विश्वगुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। भारत की महान संस्कृति, समृद्धशाली विरासत ही है जो हमारे अतीत को स्वर्णिम बनाती है ।

 

राज्यपाल ने स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के जन्मदिन एवं विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले होने को दिव्य संयोग बताया। उन्होंने कहा यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि स्वामी जी के सानिध्य और मार्गदर्शन में पर्यावरण की रक्षा के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। स्वामी चिदानंद सरस्वती जी द्वारा भारतीय संस्कृति को विदेशों तक प्रचारित किया जा रहा है। पिट्सबर्ग में हिंदू जैन मंदिर और सिडनी ऑस्ट्रेलिया में शिव मंदिर की स्थापना के प्रेरणास्रोत स्वामी चिदानंद सरस्वती जी को बताया । उन्होंने कहा गुरु नानकदेव जी की पवित्र परंपरा ने भारत की एकता और अखंडता के लिए विभिन्न दिशाओं में भ्रमण हुए अपने विचारों से लोगों को चेतना के एक स्वर में संजोया था। गुरु नानक देव जी ने ‘‘सरबत दा भला’’ का संदेश दिया था। उसी संत परंपरा के एक सच्चे अनुयायी के रूप में स्वामी जी द्वारा हिंदु परंपराओं और संस्कृति की रक्षा के लिए किये जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं।

 

राज्यपाल ने कहा की स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के जन्मदिवस के इस पवित्र अवसर पर प्राचीन ऋषि-मुनियों की तरह ही हजारों वर्षों तक भारत माता की सेवा की कामना करता हूँ । उन्होने इस पवित्र उत्सव के सहभागी बनाने हेतु परमार्थ निकेतन का आभार व्यक्त किया। इस दौरान केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल , स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज, एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

Front Page Bureau

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