हरिद्वार,20 जून। योग गुरु स्वामी रामदेव ने अग्निपथ का विरोध कर रहे युवाओ और छात्रों से अपील की है की उन्हें विरोध करना है तों वह अहिंसक तरीके से विरोध करें ना ही हिंसा और आगजनी करके। उन्होंने कहा की आंदोलन अहिंसक होना चाहिए। आगजनी और हिंसा करने से देश का नुक्सान होता है और राष्ट्रीय संपत्ति का नुक्सान आत्मघात है।
अग्निपथ पर नहीं बल्कि योग पथ पर चले
स्वामी रामदेव ने कहा की युवा अग्निपथ के विरोध मे अग्निपथ पर नहीं बल्कि योग पथ पर चले। उन्होंने कहा की सरकार जरुरत के अनुसार योजना मे जरुरी बदलाव कर रही है। युवा अपना हौसला बनाये रखे और अहिंसक तरीके से विरोध करें। उन्होंने कहा की जो युवा सेना मे रहकर देश की सेवा करना चाहते है वह आगजनी से देश को फूंक कर देश की सेवा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा की सेना मे सेवा चाहे एक साल कि या 4 साल की मिले, जैसा भी सरकार निर्धारित करें उसी को माने। उन्होंने कहा की योजना को लेकर बुध्दिजीवियों की राय आ चुकी है, सबके स्वर सत्ता के कानों तक पंहुच चुके है इसलिए युवा धीरज बनाये रखे। कुछ ना कुछ समाधान अवश्य निकलेगा और युवा शांति बनाये रखने मे अपना योगदान दें।