गंगा की निर्मलता और अविरलता के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर भारी पड़ रहे अनशनरत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद, उमा भारती भी नही मना पाई सानंद को,

अमित कुमार गुप्ता

हरिद्वार,
45 दिन से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए अनशन पर बैठे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के दर से उमा भारती को खाली हाथ आना पड़ा। उमा अपने मुंह बोले भाई वैज्ञानिक से संत बने ज्ञानस्वरूप सानंद को अनशन तोड़ने के लिए नही मना पाई। सानंद ने अपनी मुंहबोली बहन केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मुलाकात के बाद अनशन खत्म करने से मना कर दिया। दिल्ली से उनसे बात करने हरिद्वार पंहुची उमा भारती को सानंद ने टका से जवाब देते हुए कहा दिया कि जब तक गंगा को लेकर अधिनियम संसद में पेश नही होता है तब तक वह अनशन खत्म नही करेंगे। उमा भारती ने सानंद को आश्वाशन भी दिया कि अधिनियम तैयार है और जल्द ही कैबिनेट में पास कर अगले संसद सत्र में उसे पेश कर दिया जाएगा। उमा ने सानंद की केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से बात भी करवाई मगर उमा के आश्वाशन और गडकरी से बात करने के बावजूद सानंद संसद ने अधिनियम के पेश नही होने तक अनशन खत्म नही करने पर अड़े हुए है।

गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर जी डी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद हरिद्वार में मातृ सदन आश्रम में अनशन पर बैठे हुए है। सानंद 22 जून से अनशन पर है। पिछले दिनों सानंद की बिगड़ती हालात को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती कराया दिया था मगर वंहा भी उंन्होने अनशन जारी रखा। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी उनका अनशन मातृ सदन आश्रम में लगातार जारी है। तीन दिन पहले ही उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्त्पल कुमार ने स्काइप के माध्यम से सानंद से वार्ता की थी। मगर सानंद अनशन तोड़ने को नही माने। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर सानंद को मनाने की कोशिशें शुरू हुए और उमा भारती केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कहने पर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद से बात कर उनका अनशन तुड़वाने के लिए आई थी। नितिन गडकरी को पूरा भरोसा था कि उमा के कहने से स्वामी सानंद मान जाएंगे और अपना अनशन खत्म कर देंगे। मगर उमा उनका अनशन नही तुड़वाया पाई। उमा के साथ बंद कमरे में 2 घंटे से ज्यादा चली बातचीत और इस दौरान फ़ोन पर नितिन गडकरी से बात करने के बाद भी सानंद झांसे में नही आये और मुंह बोली छोटी बहन उमा भारती को अपने दर से खाली हाथ ही लौटा दिया। स्वामी सानंद को मना पाने में विफल रही उमा ने उन्हें मनाने के लिए मीडिया के माध्यम से सानंद से अनशन खत्म करने की अपील की।

स्वामी सानंद के अनशन पर क्या कहा उमा भारती ने-

उमा भारती ने हरिद्वार में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सानंद जो चाहते है केंद्र सरकार उस दिशा में काफी आगे बढ़ चुकी है और जल्द ही उनकी मांग के अनुरूप काम होगा। उमा भारती ने कहा कि किसी भी कानून को बनाने में काफी वक्त लगता है। मगर इस सरकार ने गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए एक्ट बनाने की दिशा में काफी तेजी से काम किया है। एक्ट लगभग तैयार है और बहुत जल्द ही ऐसे केंद्रीय कैबिनेट में पारित कराने के बाद अगले संसदीय सत्र में पेश कर दिया जाएगा। उंन्होने कहा कि गंगा की अविरलता को लेकर आईआईटी ने भी अपनी कंसोर्टियम रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। हम गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए जल्द ही कानून बनाने के बहुत करीब पंहुच चुके है। उमा भारती ने स्वामी सानंद के अनशन को लेकर कहा कि इससे हमे फायदा हुआ है । उनके अनशन की वजह से सरकार अब और ज्यादा तेज गति से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए काम कर रही है। उमा ने सानंद से मीडिया के माध्यम से अपील की कि अगले सत्र में अधिनियम संसद में लाया जाएगा इसलिए वह अब अपना अनशन खत्म कर दें।

मगर सानंद ने उमा की अपील पर क्या कहा-

केंद्रीय मंत्री उमा भारती स्वामी सानंद को अपना बड़ा भाई मानती है। भाई के अलावा वह उन्हें अपना गुरु भी मानती है। कुछ दिनों पहले उमा ने अपने संदेशवाहक के जरिये एक पत्र भेजकर सानंद से अनशन समाप्त करने को कहा था। मगर उंन्होने तब भी उन्हें मना कर दिया था। अब फिर उमा उन्हें नही माना पाई। स्वामी सानंद का कहना है कि जब तक संसद में गंगा को लेकर एक्ट नही आएगा वह अनशन नही तोड़ेंगे चाहे इस बार उनके प्राण ही क्यों ना चले जाएं। स्वामी सानंद ने कहा कि सरकार की मंशा एक्ट पास करने की नहीं लगती है। क्योंकि अगर मोदी चाहे तो एक रात में एक्ट पास हो जाये। मगर सरकार टालमटोल कर रही है। स्वामी ज्ञान स्वरूप सानन्द का कहना है कि आज उमा जी सिर्फ बातें करने आयी थी। लेकिन जब तक गंगा के हित मे एक्ट पास नहीं होता तब तक वे अनशन नहीं तोड़ेंगे। ऊन्होने मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यदि एससी एसटी मुद्दे की तरह गंगा के मुद्दे को गम्भीरता से लिये जाए तो सबकुछ हो सकता है। उन्होंने कहा कि उमा भारती के पास अब गंगा मंत्रालय भी नहीं है। यदि मोदी चाहेंगे तो एक दिन में एक्ट पास हो जाएगा सरकारें तो सिर्फ बातें बना सकती है उन्होंने साफ कहा कि उन्हें नहीं लगता की उन्हें जीवन मे एक्ट पास होगा।


हमेशा की तरह इस अनशनरत संत सरकार के किसी भी झांसे में आते नहीं दिख रहे हैं। जिस तरह से स्वामी सानंद संसद में एक्ट पेश नही होने तक अनशन नही तोडने पर अड़े हुए है उससे सरकार पहले से ही परेशान थी मगर अब उमा भारती को भी बैरंग वापस लौटाकर सानंद से केंद्र सरकार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ दी है। अब अनशन शायद तभी समाप्त होगा जब गंगा को लेकर सरकार गम्भीरता दिखाते हुए गंगा हित मे एक्ट पास करेगी।

Front Page Bureau

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