हरिद्वार। भारतीय पेंशनर्समंच (राष्ट्रवादी पेंशनर्स संगठन) का द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन 04 सितंबर को परमार्थज्ञान आश्रम में मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें देश भर से सैकड़ों पेंशनधारियों ने शिरकत की।अधिवेशन का उद्घाटन स्वामी धर्मात्मानंद सरस्वती ने भारत माता को माल्यार्पण करते हुए किया। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ध्वजारोहण किया तो सारा वातावरण भारत माता की जय जयकार से गूंज उठा।
अधिवेशन के मुख्य अतिथि पूज्य स्वामी धर्मात्मानंद सरस्वती ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान की कृपा से देश भर से सैकड़ों पेंशनधारियों का राष्ट्रीय अधिवेशन माँ गंगा की स्थली हरिद्वार में सम्पन्न हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पेंशनधारियों की ज्वलंत समस्याओ का शीघ्र निराकरण करना चाहिए।
मंच के संस्थापक राष्ट्रीय महामंत्री वी.एस.यादव ने मुख्य वक्ता के रूप में अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय पेंशनर्स मंच एक अखिल भारतीय स्तर का राष्ट्रवादी पेंशनधारियों का स्वतंत्र संगठन है जिसके इस समय देश के 19 प्रदेशों में हज़ारों सदस्य हैं।अधिवेशन में पेंशनधारियों के अनेक ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हुए अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएँगे।
वी एस यादव ने कहा कि देश भर के पेंशनधारियों की ज्वलंत समस्याओ को लेकर 06 जून को मंच की तरफ़ से एक नौ सूत्रीय माँग पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय मे सौंपा गया था लेकिन खेद का विषय है कि भारत सरकार ने बिना किसी चर्चा के मामले को बंद कर दिया। सरकार की इस कार्रवाई से देश भर के पेंशनधारियों को भारी निराशा हुई हैं। उन्होंने चेतवाई देते हुऐ कहा कि यदि समय रहते भारत सरकार ने पेंशनधारियों के ज्वलंत मुद्दों का समाधान नहीं किया तो मंच देश व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
उद्घाटन सत्र का संचालन मंच के राष्ट्रीय मंत्री सतीश चंद राय ने किया। स्वागत भाषण मंच के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बेद सिंह ने दिया। उद्घाटन सत्र के तुरंत बाद परमार्थ ज्ञान मंदिर परिसर में पेंशनधारियों ने भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताते हुए ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
अधिवेशन में भारतीय रेल से सेवानिवृत्त स्टेशन अधीक्षक नारायण सिंह को अध्यक्ष, भारतीय डाक विभाग से सेवानिवृत्त जन सम्पर्क निरीक्षक वी.एस.यादव को महामंत्री, भारतीय डाक विभाग से सेवानिवृत्त डाकपाल बेद सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया साथ ही 15 राष्ट्रीय पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चुनाव हुआ।