आज की सबसे बड़ी संपदा युवा वर्ग ः डॉ पण्ड्या

हरिद्वार 12 जनवरी।

राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद की जयंती) को शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार ने युवा चेतना दिवस के रूप में याद किया। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं गायत्री विद्यापीठ में चिरयुवा स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी चरित्र बल के धनी थे। स्वामी जी के विचारों को आत्मसात करने से स्वयं भी ऊँचा उठेंगे और दूसरों का भी मार्ग प्रशस्त कर पायेंगे। आज ऐसे प्रतिभावान व कर्मठ युवाओं की जरूरत है, जो निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र के विकास के लिए कार्य कर सकें।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने कहा कि विवेकानंद जी अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण जी से काफी प्रभावित थे, उनसे उन्होंने सीखा कि सभी जीवों मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं; इसलिए उन्होनें सदैव जरूरतमन्दों की मदद किया। उन्होंने कहा कि स्वामीजी भारत की संस्कृति के कण-कण में बसे हैं। स्वामीजी एक महान योद्धा की भांति विभिन्न बुराइयों से लड़ते हुए एक नया आयाम स्थापित किया, उनके अनुभूत कार्यों की परिकल्पना करना भी एक सुखद आश्चर्य होता है। कुलाधिपति ने कहा कि आज की सबसे बड़ी संपदा युवा वर्ग है, इन्हें सही मार्गदर्शन एवं वातावरण मिल जाये तो वे हवा का भी रुख मोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने स्वामी जी के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व से युवाओं को प्ररेणा लेने का संदेश दिया।

Front Page Bureau

Front Page Bureau

This function has been disabled for Front Page Newz.