हरिद्वार में 2021 में होने वाला कुम्भ मेला ऐतिहासिक होगा। उत्तराखंड सरकार ने शुरू की तैयारियां

वासु गर्ग,

 

हरिद्वार,

साल 2021 में होने वाले कुम्भ मेले को लेकर उत्तराखंड सरकार में अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। कुम्भ की तैयारियों को लेकर हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र के एक होटल में दो दिवसीय इनोवेशन सम्मिट के समापन के अवसर पर आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित हुए। सम्मिट का आयोजन का मकसद कुम्भ की तैयारियों और हरिद्वार के इंफ्राट्रक्चर को बेहतर बनाने को लेकर था। 
 2 दिन चले इस सेमिनार में देश भर से आए आईएएस और आईपीएस अफसरों ने कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर अपनी अपनी राय रखी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी 2021 में होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारियां चल रही है। और यह आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक होगा।
 
दो दिन चले इस सेमिनार के समापन अवसर पर उपस्थित हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी महाकुंभ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। साधु संतों से लेकर आम जनता तक का इसमें सहयोग मिलेगा और यह कुंभ अपने आप में ऐतिहासिक होगा। सम्मेलन में भाजपा विधायक आदेश चौहान, निवर्तमान मेयर हरिद्वार मनोज गर्ग, अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी मौजूद थे।
 
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा की हरिद्वार में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं इस बार कुम्भ में उपलब्ध कराई जाएंगी। उंन्होने कहा कि कुम्भ मेले को कैसे और बेहतर और खूबसूरत आयोजन बनाया जा सकता है इस पर मंथन किया जा रहा है। साधु संतों के साथ भी कुम्भ की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार राय मशविरा कर रही है। सम्मेलन में कई तरह के सुझाव आये है जिन पर सरकार गंभीरता के साथ विचार करेगी। 
कुम्भ मेले में श्रद्धालुओं को स्वच्छ गेंगे जल मिले इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। हालांकि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माना कि गंगा में अभी भी कई गंदे नाले सीधे गिर रहे हैं। उंन्होने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि महाकुंभ 2021 से पहले 2020 तक इन तमाम नालों को टैप कर लिया जाएगा। जिस तरह ऋषिकेश में 5 दिन में नाले को टैप किया गया उसी तरह यहां के नालों को भी टैप कर गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाया जाएगा।
सेमिनार में कुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई। उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि कुम्भ मेले में देश दुनिया से करोड़ो श्रद्धालु आएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम है।  इस बैठक के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि किस तरह कुंभ को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है। उंन्होने कहा कि इस बार कुम्भ में मॉडर्न तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। 
सम्मेलन में देश भर से आये  आईएएस और पीसीएस अधिकारियों ने भी अपनी अपनी बात रखी। कुम्भ मेले में हालांकि अभी लगभग ढाई साल का वक्त है मगर उत्तराखण्ड सरकार मेले को ऐतिहाएक बनाने के मकसद से अभी से तैयारियों में जुट गई है। कुम्भ के आयोजन की तैयारियों को देखते हुए इस तरह के सम्मेलन का आयोजन पहली बार किया गया है। इस आयोजन से कुम्भ को बेहतर, खूबसूरत और सुरक्षित बनाने में काफी मदद मिल सकती है।
Front Page Bureau

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