स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों का कब ऋण चुकायेंगी सरकारें ? -जितेंद्र रघुवंशी 

स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों का कब ऋण चुकायेंगी सरकारें ? – जितेंद्र रघुवंशी

नई दिल्ली। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके उत्तराधिकारियों तथा शहीदों के वंशजों ने स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) तथा अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण परिषद (रजि.) दिल्ली के तत्वावधान में 36 संगठनों के बैनर तले अपने अधिकारों के संदर्भ में जंतर-मंतर पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में परिजन पहुंचे। सर्वप्रथम उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की, उसके बाद जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर सांकेतिक धरने में शामिल हुए, जहां सरकार की उदासीनता तथा घोर उपेक्षा से त्रस्त स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के वंशजों ने आक्रोश सभा आयोजित करके वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे।

इस अवसर पर आयोजित जनसभा की अध्यक्षता 113 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी लेखराज जी ने किया। मंच पर विराजमान एमिनेंट कमेटी भारत सरकार गृह मंत्रालय सदस्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ले. आर. माधवन, पांडुरंग गणपत शिंदे तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हीरालाल ताम्रकार, श्रीराम अचल आचार्य, अवतार सिंह, भारत भूषण विद्यालंकार, वीरांगना कृष्णा सोम चौधरी, प्रेम देवी, गीता देवी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस वंशज सुश्री राजश्री, अमर शहीद भगत सिंह के प्रपौत्र यादविंदर सिंह संधू, नवाब मज्जू खान के वंशज एस. फारूखी उपस्थित सेनानी परिवारों के लिए प्रेरणास्रोत रहे।

सेनानी परिवारों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही थी तब देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों के परिवारों के हितों के लिए काम करने वाले 28 संगठनों के साथ मिलकर एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में महामहिम राष्ट्रपति महोदय को स्वतंत्रता सेनानी /शहीद परिवारों के मान सम्मान को संरक्षित करने हेतु 8 प्रमुख बिंदुओं के संदर्भ में एक प्रतिवेदन 4 जुलाई 2021 को सौंपा गया था, इस प्रतिवेदन में सरकार से दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल की स्थापना, भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की एमिनेंट कमेटी में सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत हर प्रांत के संगठनों के प्रतिनिधियों, वीरांगनाओं, आश्रित पुत्रियों को मनोनीत करना, संवैधानिक संस्थाओं राज्य सभा, विधान परिषद, केंद्रीय समितियों तथा नगर निकायों में सेनानी परिवारों का मनोनयन, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार आयोग का गठन, स्वतंत्रा सेनानी राष्ट्रीय परिवार का दर्जा दिया जाना, स्वतंत्रता सेनानी के निधन के बाद उसकी सम्मान पेंशन की धनराशि तथा सुविधाएं सेनानी परिवारों को हस्तांतरित करके जरूरतमंद सेनानी परिवारों को वित्तीय सहायता का प्रावधान, पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों /शहीदों की जीवनी को शामिल किया जाना तथा सेनानी शहीद परिवारों के विभिन्न न्यायालयों सहित उच्चतम न्यायालय तथा गृह मंत्रालय में लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने संबंधी विषयों को प्रमुखता से उठाया गया था, किंतु आज हमें अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि माननीय प्रधानमंत्री महोदय को 4 अगस्त 2022 तथा 4 अक्टूबर 2022 को पुनः स्मरण पत्र भेजने के बावजूद सरकार द्वारा कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। इससे देशभर के लगभग 5 करोड़ सेनानी/शहीद परिवारों में बेहद नाराजगी और आक्रोश उत्पन्न हो रहा है, इसी कारण आज हम लोग जंतर मंतर पर धरना देने के लिए विवश हुए हैं। आखिर! स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों का ऋण कब चुकाएंगी सरकारें? सम्बोधन के साथ ही रघुवंशी ने उपस्थित सेनानी परिवारों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों के सम्मान तथा अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए देश की आन बान और शान के प्रतीक तिरंगा ध्वज हाथों में लेकर एकजुटता का संकल्प दिलाया।

सेनानी परिवारों को संबोधित करते हुए संगठन के उपाध्यक्ष श्री नित्यानंद शर्मा ने कहा कि विभिन्न संगठनों से प्राप्त सुझावों को दृष्टिगत रखकर अब एक अनुपूरक पत्र भी आज के प्रतिवेदन के साथ सरकार को सौंपा जा रहा है, जिसमें गृह मंत्रालय एफ.एफ.आर. डिवीजन में कई वर्षों से तैनात अधिकारियों कर्मचारियों का व्यवहार गरिमा पूर्ण नहीं होने के कारण नियमानुसार अन्यत्र स्थानांतरित करने, स्वतंत्रता सेनानियों उनकी धर्मपत्नियों का जीवित प्रमाण पत्र उनके आवास पर लिए जाने, महंगाई को दृष्टिगत रखते हुए स्वतंत्रता सेनानियों, वीरांगनाओं तथा आश्रित पुत्रियों की मूल सम्मान पेंशन दोगुनी करने, कालीबाड़ी स्थित सेनानी सदन में स्वतंत्रता सेनानियों, उनकी धर्मपत्नी तथा आश्रित पुत्रियों के साथ समानता का व्यवहार करने, देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली आने वाली स्वतंत्रा सेनानियों के परिजनों के लिए भी सेनानी सदन बनाकर वीआईपी दर से शुल्क लेने, स्वतंत्रा सेनानी/ शहीद परिवारों के बेरोजगार परिजनों को आर्थिक मदद देकर स्वरोजगार योजना से जोड़ने, रजत जयंती 1972 की भांति हीरक जयंती में भी स्वतंत्रता सेनानी /शहीद परिवारों को ताम्रपत्र जैसा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करने, आजादी से पहले दिवंगत, शहीद, सम्मान पेंशन स्वीकार न करने वाले स्वाभिमानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों को सेनानी परिवारों की मान्यता देकर प्रमाण पत्र देने, स्वतंत्रता सेनानी की मान्यता देने वाले 1980 की नियमावली में संशोधन करके केंद्र तथा राज्य सरकारों के स्वतंत्रता सेनानियों की असमानता की खाई को पाटने तथा स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिए गृह मंत्रालय एफ.एफ.आर. डिवीजन के अधिकारियों के साथ सेनानी संगठन के पदाधिकारियों की एमिनेंट कमेटी की तरह त्रैमासिक बैठक निर्धारित करने जैसे बिंदुओं को शामिल किया गया है।

संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सैनी ने सेनानी परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार अभी भी हमारे प्रतिवेदन पर उचित कार्यवाही नहीं करती है तो देश भर के स्वतंत्रता सेनानी/ शहीदों के उत्तराधिकारी कोई समय निर्धारित करके विशाल अनिश्चितकालीन आंदोलन दिल्ली में करने के लिए बाध्य होंगे। आक्रोश सभा के उपरांत तिरंगा ध्वज लेकर भुजाओं में काली पट्टी बांधकर सभी सेनानी परिवारों ने पदयात्रा करते हुए पीएमओ तथा गृह मंत्रालय जाकर अपना प्रतिवेदन फिर से सरकार तक पहुंचाया तथा सभी बिंदुओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध किया।

जंतर मंतर में धरना स्थल पर प्रेम कुमार शुक्ला द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें आजादी के दीवाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को स्मरण किया गया है।

देश के विभिन्न भागों से आए हुए सेनानी परिवारों को भाग्योदय फाउंडेशन के संस्थापक-सेनानी उत्तराधिकारी राम महेश मिश्रा, प्रेम कुमार शुक्ला, कपूर सिंह दलाल, अवधेश पंत, कमलेश पांडे, सुरेंद्र बुटोला, स्वतंत्र कुमार मिश्रा, मुन्ना लाल कश्यप, रमेश कुमार मिश्रा, इशरत उल्ला खान, राजेश सिंह, राकेश चौरसिया, महन्थ प्रजापति, सूर्य प्रकाश पांडे, पवन सेठ, अरुण प्रताप सिंह, गजेंद्र प्रताप सिंह, ज्ञान सिंह सग्गू , गुरिंदर पाल सिंह, मोनोतोष दास, कमल चंद्र लहकर, रामचंद्र पिल्दे, विशाल सिंह सौदा, दुष्यंत पयासी, पंडित मधुसूदन झा, शत्रुघ्न पाठक, ओमप्रकाश लाल, अशोक रायचा, श्रीमती आशा टम्टा, शोभा बिष्ट, रमा दत्त जोशी, कालिंदी पाल ने भी संबोधित किया। आयोजन की सफलता में गणेश आर. माधवन, अवधेश सिंह, डॉ शशि सिंह, सरदार परमिंदर सिंह, सरदार जसविंदर सिंह का सराहनीय योगदान रहा।

Front Page Bureau

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