देहरादून। नेशनल टैक्नोलाॅजी दिवस के अवसर पर उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से 263 किमी दूर आराकोट बंगाण क्षेत्र के राजकीय इंटर काॅलेज टिकोची में उत्तराखण्ड साइंस एजुकेशन एवं रिसर्च सेंटर (यूसर्क) एवं डीएनए लैब्स-एक सेंटर फाॅर एप्लाइड साइंस, देहरादून द्वारा साइंस आॅन व्हील्स कार्यक्रम के अन्तर्गत एक वर्कशाप का आयोजन किया गया।
भारत में हर प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस या नेशनल टैक्नोलाॅजी डे मनाया जाता है। 11 मई 1998 को शक्ति पोखरण परमाणु परीक्षण किया गया था। वह दिन हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। साथ ही दिवस छात्रों को एक कैरियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस दिन विभिन्न तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग काॅलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन राष्ट्र गर्व के साथ अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को याद करता है। इस कार्यक्रम के द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी शोध संगठन पूरे देश में जश्न मनाते हैं।
उत्तराखण्ड साइंस एजुकेशन एवं रिसर्च सेंटर (यूसर्क) एवं डीएनए लैब्स-एक सेंटर फाॅर एप्लाइड साइंस गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को विज्ञान की व्यवहारिक जानकारी देने के लिए समय-समय पर साइंस व्हील्स कार्यक्रम के अन्तर्गत सेमिनार, वर्कशाप का आयोजन कर रहे हैं।
उत्तराखंड के दूर दराज के क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिये मूलभूत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से 263 किमी दूर आराकोट बंगाण क्षेत्र के राजकीय इंटर काॅलेज टिकोची में चिवा, जागटा, मोंडा, बलावट झोटाडी, कलीच, गोकुल, बरनाली, डगोली, दुचाणु, किराणु आदि ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 173 छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। 1990 के दशक में टिकोची में इंटर काॅलेज स्थापित हुआ था। 1990 के दशक में आराकोट क्षेत्र में आई आपदा में टिकोची इंटर काॅलेज का भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। दो अतिरिक्त कक्षों की छत भी जर्जर है। जिसे अब बल्लियों के सहारे टिका रखा है। जिससे खुले मैदान में बैठकर वर्तमान में 173 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
यूसर्क एवं डीएनए लैब्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को साइंटिफिक टेम्परामेंट को डेवेलप करने की पै्रक्टिकल नाॅलेज दी गयी। जिसमें छात्र-छात्राओं को ब्लड ग्रुपिंग, माइक्रोस्कोपी, सभी जीवों के शरीर में पाये जाने वाले डीएनए, आरएनए के बारे में, पौधों मंे जो द्रव्य मौजूद होते हैं और उनके उपयोग एवं खाद्य पदार्थों में मिलावट जांचने की जानकारी दी गयी।
उत्तराखण्ड साइंस एजुकेशन एवं रिसर्च सेंटर की डायरेक्टर डाॅ. अनिता रावत एवं सीनियर साइंटिस्ट ओपी नौटियाल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस मौके पर डीएनए लैब्स से डाॅ. नरोत्तम शर्मा, दिव्य प्रकाश पांडे, अंकिता सिंह, काजल रावत, अनदीप, अपूर्वा चैधरी एवं कोमल गुप्ता के साथ राजकीय इंटर काॅलेज टिकोची के प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार बहुगुणा, वाईएस रावत, नमिता एवं क्षेत्रवासियांे ने पूरा सहयोग दिया।