युवा वैज्ञानिक प्राचीन चिकित्सा पद्धति पंर आधुनिक मानदंडों के साथ काम करे- आचार्य बालकृष्ण

हरिद्वार। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में आज एक त्रिमासिक ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन समारोह आयोजित किया गया। इस ऑनलाइन प्रोग्राम में देश भर के 460 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें से 11 राज्यों के 31 सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों को पतंजलि अनुसन्धान केंद्र ने चुना है।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने सभी युवा वैज्ञानिकों कों सर्टिफिकेट के साथ शुभकामनायें दी हैं और इन युवा वैज्ञानिकों से अपील की है कि वह प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति पर आधुनिक चिकित्सा के मापदंडो के अनुसार कार्य करें। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग या आयुर्वेद की पुनर्स्थापना के साथ साथ आज पतंजलि हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है जो काम आयुर्वेद के क्षेत्र में सरकारें नहीं कर पाई उसे पतंजलि अनुसन्धान केंद्र के माध्यम से पूर्ण किया गया। आज योग व आयुर्वेद की महत्ता इतनी बढ़ गई है कि योगग्राम में प्राकृतिक चिकित्सा प्राप्त करने के लिए रोगी 6 माह पहले अपना पंजीकरण करावा देते हैं इन्हीं सभी समस्याओ को दूर करने के लिए पतंजलि बहुत जल्द पूरे देश में वैलनेस सेंटर खोलने जा रहा है। पतंजलि स्वदेशी की भावना से कार्य करते हुए राष्ट्र का निर्माण कर रही है। चुने गए युवा वैज्ञानिकों को पतंजलि ने प्रोजेक्ट असिस्टेंट के पद पर वेतन सहित कार्य करने का अवसर प्रदान किया है इस उपलक्ष्य पर युवा वैज्ञानिकों में आयुर्वेद व पतंजलि के प्रति उत्साह दिखाई पड़ा। पतंजलि संस्थान ने आज इन 31 युवा वैज्ञानिकों कों सभी संस्थानों का भ्रमण कराया तथा भविष्य में देश हित के लिए कार्य करने के लिए संकल्पित भी करवाया। गौरतलब है कि पतंजलि ने यह ट्रेनिंग प्रोग्राम निशुल्क आयोजित किया था।

इस उपलक्ष्य में पतंजलि जड़ी- बूटी अनुसन्धान केंद्र के सभी वरिष्ठ वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

Front Page Bureau

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