ऋषिकेश। देश मे सौर ऊर्जा की सबसे बड़ी परियोजना राजस्थान में लगने जा रही है। इस परियोजना के लिए टिहरी जल विद्युत निगम और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के बीच देश की सबसे बड़ी 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना के लिए करार हुआ है। टीएचडीसी 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से 5 साल में इस परियोजना को स्थापित करेगा। 10 हजार मेगावाट अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पॉवर पार्क की स्थापना और संचालन के लिए टीएचडीसी और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम मिलकर एक संयुक्त उपक्रम की स्थापना करेंगे। आज ऋषिकेश में टीएचडीसी के मुख्यालय में दोनों के बीच एक एमओयू पर साइन किये गए।
टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव विश्नोई ने बताया कि दुनिया भर में पर्यावरण प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है जिसकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ रही है। इन्ही खतरों से पर्यावरण को बचाने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के नए नए स्रोतों पंर तेजी से काम किया जा रहा है। भारत मे भी ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों के अलावा इस तरह की ऊर्जा परियोजना पर काम चल रहा है जो पर्यावरण के अनुकूल हो और जिनमे कार्बन उत्सर्जन लगभग ना के बराबर हो। इसके लिए केंद्र सरकार की सबसे बड़ी विद्युत ऊर्जा उत्पादन करने वाली कंपनी टीएचडीसी ने राजस्थान में देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादन की परियोजना स्थापित करने के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के साथ एक समझौता किया है। राजीव विश्नोई बताते है कि राजस्थान में स्थापित होने वाली इस सौर ऊर्जा परियोजना में 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकेगा। इसकी लागत 40 हजार करोड़ रुपये होगी। परियोजना के संचालित होने के बाद प्रति वर्ष 12 हजार करोड़ रुपए का लाभांश मिलेगा।
राजस्थान सरकार के अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा, खान और पेट्रोलियम और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुबोध अग्रवाल भी इस खास मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि
पिछले साल ग्लासगो में हुए जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत सरकार ने साल 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरते रिन्यूएबल एनर्जी के जरिये पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। इसी को देखते हुए भारत सरकार परम्परागत ऊर्जा की जगह अब रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ रही है। राजस्थान में टीएचडीसी और आर आर ई सी एल के इस संयुक्त उपक्रम में 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इस परियोजना की खासियत यह है कि इस परियोजना में सौर ऊर्जा के साथ साथ पवन ऊर्जा, पम्प स्टोरेज प्लांट और भविष्य का ईंधन माने जा रहे ग्रीन हाइड्रोजन का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि परम्परागत ऊर्जा परियोजनाओं की जगह अब पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परियोंनाओ की स्थापना से पर्यावरण प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
टीएचडीसी उत्तराखंड में भी 8 नई जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना करने जा रहा है। इसके लिए भी राज्य सरकार के साथ मिलकर जल्द ही इन पर भी काम शुरू होने की उम्मीद है। कार्यक्रम में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के डारेक्टर तकनीक सुनीत माथुर, टिहरी जल विद्युत निगम के डारेक्टर वित्त जेo बोहरा,भी शामिल थे। सुबोध अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा, तथा खान एवं पेट्रोलियम विभाग, राजस्थान तथा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आरआरईसीएल ने टीएचडीसीआईएल द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लिए गए इस जरूरी कदम व अनूठी पहल की प्रशंसा की तथा हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया |
इस कार्यक्रम के दौरान श्री राजीव विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निगम द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम है तथा इससे देश के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान मिलेगा |
सफल संचालन टीएचडीसी जनसंपर्क विभाग की प्रबंधक काजल परमार ने किया