पतंजलि फ़ूड पार्क मामला- जब यूपी सरकार से खफा बाबा रामदेव बने दुर्वासा तो मुख्यमंत्री योगी को करना पड़ा बाबा के सामने दण्डवत योग

नोएडा में पतंजलि फ़ूड पार्क के मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव की धमकी के बाद योगी सरकार 24 घंटे में ही बैकफुट पर आ गयी है। बाबा की नोएडा से फ़ूड पार्क में हमेशा के लिए ताला लगाने की धमकी के बाद सकते में आये मुख्यमंत्री योगी ने बाबा रामदेव को फ़ोन कर सरकार की लेटलतीफी पर सफाई दी और बाबा को जल्द जमीन के टाइटल की करवाई को निपटाने के आश्वासन दिया। योगी से वार्ता के बाद आश्वासन मिलने पर  बाबा ने नोएडा से फ़ूड पार्क को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने का इरादा फिलहाल टाल दिया है।

[highlight color=”orange”]क्या था विवाद[/highlight]

दरअसल पतंजलि के नोएडा में 425 एकड़ भूमि पर 5 हजार करोड़ की लागत से बनाने वाले पतंजलि फ़ूड पार्क का मामला कल एकाएक जब सुर्खियों में आ गया था जब देर शाम पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने एक ट्वीट कर उत्तरप्रदेश सरकार पर नोएडा फ़ूड पार्क को खारिज करने का आरोप लगाया। उंन्होने उत्तरप्रदेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए नोएडा के फ़ूड पार्क को हमेशा के लिए बन्द कर किसी अन्यंत्र राज्य में ले जाने का भी एलान कर दिया था। बस उनके इस ट्वीट के बाद ही लखनऊ से दिल्ली तक खलबली मची रही और राजनीतिक तापमान अचानक ही बढ़ गया। बाबा के नोएडा फ़ूड पार्क को बंद करने के फैसले से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सकते में आ गए और बाबा के सामने करने लगे दण्डवत योग। देर रात ही योगी ने बाबा रामदेव को फ़ोन किया और एक साल से ज्यादा से लटके हुए मामले पर सफाई दी। बताया जा रहा है कि योगी ने बाबा को जल्द ही नोएडा फ़ूड पार्क की जमीन के टाइटल को क्लीयर कर केंद्र को भेजने का आश्वासन दिया।

      योग गुरु बाबा रामदेव उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बनाने जा रहे थे देश का सबसे बड़ा फ़ूड पार्क। इसके लिए तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने बाबा को नोएडा में 425 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई थी। फ़ूड पार्क के लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंसरण मंत्रालय में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। मगर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाबा को केंद्र को भेजे जाने वाले जरुरी दस्तावेज मंजूर कर उपलब्ध नही कराए जा रहे थे। इन दस्तावेजो में  नोएडा भूमि के टाइटल को पतंजलि फ़ूड एंड हर्बल पार्क के नाम करने का काम सबसे जरूरी था। मगर एक साल से भूमि के टाइटल की फाइल उत्तर प्रदेश सचिवालय में एक मेज से दूसरी मेज पर ही घूम रही थी  जिससे फ़ूड पार्क के निर्माण में देरी हो रही थी।
उधर केंद्रीय खाद्य प्रसंसरण मंत्रालय दो बार नोटिस देकर बाबा को टाइटल के पेपर जमा कराने को कह चुका था। मगर उत्तर प्रदेश के अधिकारी पतंजलि को बार बार चक्कर काट रहे थे।  इसके बाद जब कल केंद्र ने एक आखिर नोटिस भेजकर 15 जून तक टाइटल पेपर जमा करने का अल्टीमेटम दिया तो बाबा रामदेव के सब्र का पैमाना छलक गया और आचारुय बालकृष्ण ने नोएडा से काम समेट कर ताला लगाने की धमकी दे डाली थी।  योगी और बाबा की वार्ता  के बाद पतंजलि ने भी फिलहाल नोएडा से फ़ूड पार्क शिफ्ट करने के फैसले को टाल दिया है।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि अभी हम उत्तर प्रदेश की मंजूरी मिलने का थोड़ा और इंतेजार करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह से अनावश्यक रूप से इतना वक्त लग दिया उतने वक्त का काम नही था। एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है जबकि केवल एक कैबिनेट नोट लगा कर अप्रूवल कर केंद्र सरकार को भेजना था।अब सरकार ने आश्वासन दिया है कि सब ठीक हो जाएगा। हम भी अभी देख रहे है और यदि काम करने का  अनुकूल वातावरण मिलता है तो ही हम नोएडा में फ़ूड पार्क लगाएंगे।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि नोएडा में फ़ूड पार्क लगाने से 10 हजार से ज्यादा युवाओ को सीधे सीधे और लाखों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता और लाखों किसानों को इसका फायदा होता। उत्तर प्रदेश की आर्थिक  स्थिति भी बेहतर होती। लेकिन यूपी सरकार और उसके अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण पतंजलि योगपीठ को यह कदम उठाना पड़ रहा है। उंन्होने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब यूपी सरकार के अगले कदम के बाद ही पतंजलि योगपीठ कोई निर्णय लेगा।
Front Page Bureau

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