गुरुकुल महाविद्यालय की बेशकीमती ज़मीन पर भूमाफियों ने किया अवैध कब्ज़ा

संदीप उपाध्याय, संवाददाता

हरिद्वार 21 फरवरी। देश की जानी मानी प्राचीन और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था “गुरुकुल महाविद्यालय” की बेशकमती ज़मीन को भू माफिया खुर्द बुर्द करने मे लगे हुए है। हरिद्वार दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी करोडो रुपये मूल्य की ज़मीन पर संस्था के ही कुछ पूर्व अधिकारीयों की मिलीभगत से भूमाफियाओ ने कब्ज़ा कर लिया है। संस्था के अधिकारियो का आरोप है की भूमाफियाओ को पूर्व राज्यपाल के ओ एसडी रहे खुद को संघ का नेता बताने वाले एक व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है। यही नहीं एक स्थानीय भाजपा पार्षद की भी माफियाओ के साथ साँथ गाँठ बताई जाती है।

 

आर्य समाज के पुरोधा शिक्षाविद स्वामी दर्शनानंद सरस्वती द्वारा साल 1907 मे स्थापित गुरुकुल महाविद्यालय पर भूमाफियों की नजर है। लम्बे समय से महाविद्यालय की बेशकीमती भूमि को कब्ज़ाने की कोशिश कर रहे भूमाफियाओ ने महाविद्यालय की करोडो रुपये मूल्य की ढाई बीघा से ज्यादा जमीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है। प्राचीन संस्था गुरुकुल महाविद्यालय ट्रस्ट / कमेटी कि कीमती भूमी को महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता देवराज सिंह चौहान द्वारा नियमों का उल्लंघन कर वर्ष 18/1/2007 में सत्यवती पत्नी चक्कनलाल मोहल्ला पावधोई और दयावती पत्नी जवाहर लाल मोहल्ला पावधोइ ज्वालापुर को बेंच दी थीं जिसमें जिला जज कि परमिशन नहीं ली गईं थीं, जबकि नियमानुसार (ट्रस्ट / कमेटी) कि भूमी विक्रय के हेतु जज कि परमिशन अनिवार्य होती हैं।

इस विषय में जब महाविद्यालय के वर्तमान अधिष्ठाता सोम सिंह चौहान से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी यह जानकारी मिली कि महाविद्यालय की कीमती भूमि पूर्व पदाधिकारीयों ने अवैध रूप से बेच दी थी और अब उस भूखंड की आड़ लेकर भूमाफिया उसके साथ की खाली करीब ढाई बीघे भूखंड पर अवैध कब्ज़ा कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाया की आरएसएस से जुड़े और पूर्व राजपाल के ओएसडी रह चुके देवेंद्र प्रधान भूमाफिया रोहित मनचन्दा, राहुल मनचंदा, एवम् सुनिता मनचंदा के साथ मिलकर एस भूखंड को कब्ज़ाने मे लगे हुए है। यह सब मिलकर अवैध रूप से खरीदी गयीं महाविद्यालय की ज़मीन और उसकी आड़ मे महाविद्यालय की ढाई बीघे ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कर भूमी पर व्यवसायिक निर्माण करा रहे हैं। इन माफियाओ ने महाविद्यालय के पूर्व पदाधिकारीयों द्वारा अवैध रूप से बेचे गए भूखंड को दयावती, सत्यवती और डिंपल बजाज से. खरीद लिया था। इस भूमी को महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता ” देवराज सिंह चौहान” से मिलीभगत कर नियम विरूद्ध दयावती,सत्यवती, डिंपल बजाज को बिना जज कि परमिशन के बेंच दी थीं। सोम चौहान ने बताया की साज़िश के तहत् बेची गई इस भूमि की संपूर्ण रजिस्ट्री शून्यिकरण हेतु “महाविद्यालय ट्रस्ट” न्यायालय में वाद दाख़िल कर रहा है जिससे संस्था की अवैध तरीके से बेचीं गए ज़मीन वापस संस्था के पास आ सके।

 

महाविद्यालय ट्रस्ट/कमेटी के अधिष्ठाता ने यह भी कहा कि उक्त भूमी पर बने मकान में उन्होंने देखभाल के लिए कुलदीप नामक व्यक्ति को भी रखा था जिसे भी उन भू माफियाओं द्वारा कनखल पुलिस की मिलीभगत से जबरदस्ती प्रताड़ित कर भगा दिया गया जबकि एसडीएम द्वारा कुलदीप को स्थगनादेश दिया हुआ था।

 

सार्वजनिक ट्रस्ट की भूमि को विक्रय करने का मामला पहले भी आ चुका है जिसमें पूर्व अधिष्ठाता यशवंत सिंह के ऊपर भी न्यायालय द्वारा कार्यवाही हुई थी, अब देखने वाली बात होगी महाविद्यालय की जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले भू माफियाओं पर महाविद्यालय सख्त विधिक कार्यवाही कर पुनः नई मिसाल पेश करेगा या नहीं ।

Front Page Bureau

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