ऐश्वर्या गर्ग,
कनखल ( हरिद्वार)
सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने में भले ही सरकार ज्यादा रुचि ना ले, मगर समाज में अभी भी कई लोग ऐसे है जो बदहाल स्कूलों की हालत और वंहा पढ़ने वाले गरीब बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते है। हरिद्वार में सामाजिक कार्यो में जुटी महिलाओं ने कनखल के एक ऐसे स्कूल का पुनर्निर्माण करवाया है जिसमे बच्चे ही नही उनके परिजन भी उन्हें स्कूल भेजने से कतराते थे। कनखल के एक प्राइमरी स्कूल में बारिश में भारी मात्रा में जल भराव होने से बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो रहा था। यही नही जल भराव से बच्चों में बीमारियां भी फैल रही थी। इन महिलाओं ने स्कूल को जल भराव से रोकने के लिए स्कूल में भराव करवाकर उसका पुनर्निर्माण करवाया है।
यह है कनखल का प्राइमरी स्कूल नंबर 16। कनखल थाने के पास स्थित इस स्कूल के भवन की हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी और मुख्य सड़क से नीचे होने की वजह से यंहा हल्की सी बरसात में ही स्कूल और क्लासरूम पानी से लबालब हो जाते थे। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई नही हो पाती थी। स्कूल की शिक्षिका राखी क़ुर्ल कहती है कि बरसात में परिजन अपने बच्चों को स्कूल ही नही भेजते थे जिससे उनकी पढ़ाई का काफी नुकसान होता था। स्कूलों की दशा सुधारने के लिए सरकार की तरफ से फंड नही मिलने से स्कूल की हालात और भी ज्यादा बदहाल हो रही थी। राखी का कहना है कि सरकारी स्कूलों में ज्यादा शिक्षित और विशेषज्ञ शिक्षक है मगर सुविधाओ के अभाव में कोई मा बाप अपने बच्चों को इन सरकारी स्कूलों में नही पढ़ना चाहते है। अगर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं हो तभी परिजन अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढाने में रुचि लेंगे। उंन्होने कहा कि इनर व्हील क्लब ने उनके स्कूल की सुध ली और यंहा काफी काम करवाया है। अब न तो यंहा जल भराव होगा और पेयजल की सुविधा के अलावा पौधरोपण करने से स्कूल की खूबसूरती भी बढ़ेगी और छात्र भी मन लगाकर पढ़ सकेंगे।