देश मे सामाजिक समरसता को बिगाड़ रहा है विपक्ष, संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ राम मंदिर सहित इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर संत समाज ने जताई चिंता

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की संतो के साथ आज बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। संघ की देश के शीर्ष संतो की समिति आचार्य सभा की बैठक में वैसे तो नमामि गंगे, मोदी के स्वच्छता अभियान, राम सेतु पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा है मगर संतो ने राम मंदिर का निर्माण अभी तक नही होने पर चिंता जताई। इसके साथ ही भागवत संतो की बैठक में जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया वह था सामाजिक समरसता कैसे बनाई रखी जाए।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडी देश के चोटी के संतों की आचार्य सभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा स्वच्छता तथा भारत स्वच्छता अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में आचार्य सभा की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता आचार्य सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद महाराज ने की और संचालन विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने किया। सभा की बैठक जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के हरिहर आश्रम में हुई। बैठक में श्री उदासीन पंचायती अखाडा के महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, महंत ललितानंद गिरी , जी न्यूज के मालिक सुभाष चंद्रा भी मौजूद थे।


मोहन भागवत कल दी रात दिल्ली से ट्रेन द्वारा हरिद्वार पंहुचे थे। रात भी कुछ संतो के साथ उनकी जून पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद के हरिहर आश्रम में भी बैठक हुई। इसके बाद आज सुबह पहले भागवत ने आश्रम में पारे के शिवलिङ्ग पर शिव का रुद्राभिषेक किया। सुबह 11 बजे के करीब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आश्रम पंहुचे और उंन्होने भागवत से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने भागवत से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया। उंन्होने संतो की भाजपा।से नाराजगी को गलत बताते हुए कहा कि संत भाजपा से नाराज नही है। संत पूरी तरह से भाजपा के साथ है। उंन्होने कहा कि मीडिया इस तरह की खबरों से भ्रम पैदा कर रहा है।

मुख्यमंत्री के जाने के बाद बन्द कमरे में भागवत की चुनिंदा संतो के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद जानकारी देते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बताय कि आचार्य सभा की बैठक में पांच बिन्दुओं पर चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि 2019 में इलाहाबाद में अर्द्धकुंभ मेला को और अधिक आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए वहां पर देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। इलाहाबाद कुंभ विचार मंथन का सबसे बडा केंद्र बनेगा। जिसमे 150 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

उन्होंने बताया कि बैठक में बिगडते पर्यावरण पर गहरी चिंता जाहिर की गई। सामाजिक समरसता के लिए आचार्य सभा दिल्ली या हरिद्वार में दलित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन आयोजित करेगी जिसमे देश भर से 50 हजार दलित महिलाएं भाग लेंगी।बैठक में गंगा को अविरल और निर्मल बनाने तथा भारत स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए साधु-संत पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाएंगे।

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा ने साधु-संतों को साधने के लिए व्यापक अभियान छेडा हुआ है। इसी अभियान के तहत 24 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या और भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी और जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी से मिलने हरिद्वार आए थे। उसके दो दिन बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी के आश्रम पहुंचे। जहां उन्होंने देश के चोटी के संतो के साथ बैठक की। 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाजपा अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे रख साधु संतों का उपयोग करना चाहती हैं। इसी रणनीति के तहत संघ और भाजपा के नेता साधु संतों से संपर्क साध रहे हैं।

बैठक में सबसे महत्वपूर्ण चर्चा सामाजिक समरसता पर हुए। बैठक में चिंता व्यक्त की गयेई की जिस तरह से देश भर के दलितों को भ्रमित कर विपक्षियों द्वारा भाजपा के खिलाफ करने का अभियान चलाया जा रहा है वह देश मे सामाजिक समरसता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। बैठक में इस दुष्प्रचार से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की गई। दलित महिलाओं का सशक्तिकरण सम्मेलन उसी अभियान की एक कड़ी है ।

बैठक के बाद साधु संतों ने राम मंदिर के सवाल पर कन्नी काटते हुए कहा कि इस पर कोई चर्चा इसलिए नही हुए क्योंकि अभी मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जबकि सूत्र बताते है कि बैठक में संतो ने केंद्र में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार होने के बावजूद भी मंदिर निर्माण की दिशा में कुछ नही होने पर नाराजगी जताई। संतो ने कहा कि अगर कोर्ट से जल्द फैसला नही आता है तो केंद्र सरकार को अध्यादेश लाकर कानून बना कर मंदिर निर्माण का काम शुरू करना चाहिए। सूत्र बताते है कि बैठक में संतो ने तय किया कि अगर कोर्ट जल्द ही राम म डर पर निर्णय नही देती है तो आगामी तीन चार महीने में इस मुद्दे पर संतो की बड़ी बैठक आयोजित कर केंद्र से मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने को दबाव बनाया जाएगा।

मोहन भागवत के हरिद्वार पहुंचने पर उनका संघ के क्षेत्रीय प्रचारक आलोक कुमार, प्रांतीय प्रचारक युद्धवीर सिंह, हरिद्वार जिला संघ चालक रोहिताश कुंवर, नगर संघ चालक नरेंद्र पाल, जिला कार्यवाह अंकित, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत संघ और भाजपा के कई नेताओं ने जोरदार स्वागत किया।

Front Page Bureau

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